चंडीगढ़ में ईवी पॉलिसी में दोपहिया वाहन डीलरों को मिली राहत

Update: 2023-07-04 08:28 GMT

चंडीगढ़। नगर प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल ने शहर की ईवी पॉलिसी में संशोधन करने को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मंथन किया। इसके बाद शहर में दोपहिया वाहन डीलरों को राहत देने की मांग पर बड़ा फैसला लिया है। इसमें पेट्रोल पर चलने वाले दोपहिया वाहनों को 70 प्रतिशत व 25 प्रतिशत ईवी वाहनों का पंजीकरण करने पर सहमति बनी।

इससे पहले चंडीगढ़ प्रशासन ने सोमवार को जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन नीति-2022 को लेकर समीक्षा बैठक की। यूटी सचिवालय में हुई इस बैठक में निगम मेयर अनूप गुप्ता, नितिन यादव, गृह सचिव, वित्त सचिव और चंडीगढ़ प्रशासन के अन्य अधिकारी इलेक्ट्रिक वाहन नीति की समीक्षा की।

बैठक में 5 साल की पॉलिसी अवधि के भीतर शहर में वाहनों के उत्सर्जन को कम करने के लिए चंडीगढ़ को मॉडल ईवी सिटी बनाने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2022 को मंजूरी दी गई थी। इस नीति का उद्देश्य पारंपरिक वाहनों के कारण होने वाले पर्यावरणीय प्रभाव को कम करना और चंडीगढ़ को एक अग्रणी इलेक्ट्रिक वाहन शहर के रूप में स्थापित करना था।

लोगों को पारंपरिक वाहनों से इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर जाने के लिए प्रोत्साहित करने और उनके कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए, चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा विभिन्न लक्ष्य निर्धारित किए गए थे, जिनकी अधिकारियों द्वारा आगे समीक्षा की गई। इन प्रस्तावित लक्ष्यों को अंतिम मंजूरी के लिए नगर प्रशासक को भेजा जाएगा। व्यापक विचार-विमर्श के बाद वर्ष 2023-2024 के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों की विभिन्न श्रेणियों के तहत नए और लचीले लक्ष्य प्रस्तावित किए गए।

ई-टू व्हीलर श्रेणी के वाहनों के लक्ष्य को मौजूदा लक्ष्य 70 प्र्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया है। ई-3 व्हीलर (माल) श्रेणी में लक्ष्य 40 प्रतिशत से घटाकर 35 प्रतिशत कर दिया गया है, जबकि ई-4 डब्ल्यू माल वाहन श्रेणी में लक्ष्य 40 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया है।

ई-बसों का लक्ष्य 50 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया है। ई-कमर्शियल कारों के मौजूदा लक्ष्य में कोई बदलाव नहीं किया गया है, क्योंकि 20 प्रतिशत का लक्ष्य पहले ही हासिल किया जा चुका है। ई-पर्सनल कारों के मामले में 10 प्रतिशत के मूल लक्ष्य को पार करते हुए, 20 प्रतिशत का दोगुना लक्ष्य हासिल किया गया है।

वर्ष 2024 के लिए संशोधित लक्ष्यों को 5 प्रतिशत से थोड़ा बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया है। ई-4 व्हीलर वाहनों की एक्स-शोरूम कीमतों पर 20 लाख रुपए की मौजूदा सीमा हटा दी जाएगी। लेकिन नीति में प्रस्तावित प्रोत्साहन (1.5 लाख) की सीमा अपरिवर्तित रहेगी।

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि अब से सभी सरकारी विभाग,स्थानीय निकाय किसी भी अपवाद के मामले में पूर्वानुमति के साथ केवल इलेक्ट्रिक वाहन ही खरीदेंगे। ई-साइकिल के लिए सब्सिडी लागत के 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 3000 से 4000 रुपए कर दी गई है। शहर में कुल 418 चार्जिंग पॉइंट सहित कई स्थानों पर 53 चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना भी की जाएगी।

प्रशासन की ओर से ईवी पालिसी को लागू करने के बाद वाहन डीलरों की ओर से इस फैसले का विरोध किया गया। शहर में इस फैसले से लोगों के रोजगार पर सीधा असर पड़ा। वहीं इस पालिसी के खिलाफ शहर के राजनीतिक दलों की ओर से इसका विरोध जताया गया।

इस मामले को गत 26 जून को भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष संजय टडन सलाहकार से मिलकर शहर की ईवी पॉलिसी के तहत पेट्रोल व डीजल वाहनों पर लगाई गई रोक पर विरोध दर्ज करवाया था। उन्होंने कहा था कि यह हमारे शहर के डीलरों के साथ भेदभाव है। इस पर भी पुन: विचार किया जाना चाहिए। फिलहाल जब तक शहर में कार्बन न्यूट्रल सिटी का माहौल पूरी तरह से तैयार ना हो तब तक ऐसी रोक नहीं लगाई जानी चाहिए।

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