दुखद: पंजाब में एक साथ जलीं सात चिताएं

Update: 2022-08-03 05:15 GMT

ब्रेकिंग न्यूज़: हिमाचल प्रदेश के ऊना स्थित गोबिंद सागर झील में डूबने से जान गंवाने वाले सातों युवकों का अंतिम संस्कार मंगलवार को गांव के श्मशानघाट पर किया गया। सभी सात चिताएं एक साथ जलीं तो परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। परिवार की महिलाओं को लोग सांत्वना दे रहे थे। गांववाले कह रहे थे कि उनसे कोई गलती हुई है जो उन्हें यह सजा मिली है। इससे पहले जब सातों युवकों के शव गांव पहुंचे तो कोहराम मच गया। हर आंख नम हो गई। महिलाओं की चीख-पुकार सुन हर कोई रोने लगा। मृतक पवन कुमार, रमन, लाभ सिंह, लखवीर सिंह, अरूण, विशाल व शिव के शव दोपहर बाद अलग-अलग एंबुलेंस से घर लाए गए। इस दौरान जब बुजुर्ग सुरजीत के घर के आंगन में चार शव रखे गए तो सबकी आंखें भर आईं। बुजुर्ग सुरजीत सिंह और परिवार की महिलाओं का रो-रोकर बुरा हाल था। लाल चंद ने अपने दो बेटों को खो दिया है। सड़क हादसे की वजह से वह खुद चलने फिरने में सक्षम नहीं है। बेटा रमन और लव का आखिर बार चेहरा देख उनका कलेजा फट गया।

पिता ने कहा कि बेटों को ही परिवार का सहारा बनना था लेकिन वे साथ छोड़ गए, अब उनका क्या होगा। बेसुध मां कभी दोनों बेटों को दुलारती तो कभी पुचकारती रही। यह दृश्य जिसने देखा वह रोने लगा। इकलौते बेटे विशाल (18) को खोने वाले दिव्यांग राजकुमार के घर भी ऐसी ही स्थिति रही। उनके चार बच्चों की बचपन में ही मौत हो चुकी है। वहीं अब बुढ़ापे की छड़ी को भी खो दिया। सातों युवकों के अंतिम संस्कार में विधायक नीना मित्तल, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू, पूर्व विधायक हरदयाल सिंह, जगदीश सिंह जग्गा समेत प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे। कहते हैं मौत का समय और स्थान तय होता है। बस एक बहाना बनता है और सबकुछ खत्म हो जाता है। हिमाचल प्रदेश के ऊना में गोबिंद सागर झील हादसे पर अब लोग यही कह रहे हैं। पंजाब के मोहाली जिले के बनूड़ के मीरा शाह कॉलोनी के रहने वाले 11 लोग मोटसाइकिलों पर हिमाचल प्रदेश के धार्मिक स्थानों की यात्रा पर निकलते थे। मगर मौत सभी को झील तक ले गई। दरअसल, हुआ यह है कि माता नैना देवी मंदिर में माथा टेकने के बाद वे बाबा बालक नाथ मंदिर जा रहे थे।

जब सभी लोग थाना बंगाणा के गांव कोलका के नजदीक स्थित बाबा गरीब दास मंदिर के पास सोमवार दोपहर करीब साढ़े तीन बजे पहुंचे तो एक नौजवान ने नहाने की इच्छा जताई। इसके बाद एक युवक डूबने लगा। बचाने पहुंचे बाकी छह युवक भी देखते ही देखते डूब गए। झील किनारे खड़े अन्य दोस्त चिल्लाते रहे। हादसे में सुरजीत राम ने अपना एक बेटा पवन व तीन पौत्र रमन, लाभ और लखवीर को खो दिया है। 32 वर्षीय पवन कुमार तीन बेटियों व एक बेटे का पिता था। वह शराब फैक्टरी में मजूदरी करता था। उस पर ही परिवार की जिम्मेदारी थी। लाल चंद के दोनों बेटे रमन (19) और लाभ (17) की डूबने से मौत हुई है। रमन सरकारी कॉलेज खूनीमाजरा में इलेक्ट्रिक्ल डिप्लोमा में दूसरे साल का छात्र था। वहीं लाभ सीनियर सेकेंडरी स्कूल में 11वीं का छात्र था। लखवीर बनूड़ के स्कूल में 11वीं का विद्यार्थी था। विशाल (18) तीन भाई था। अरुण 8वीं का विद्यार्थी था। शिवा (15) 10वीं कर रहा था। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने गोबिंद सागर झील में डूबने से पंजाब के सात युवकों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। धामी ने कहा कि यह हादसा बेहद दुखद है। इससे हर व्यक्ति को मानसिक पीड़ा हुई है।

उन्होंने दिवंगत युवकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए ईश्वर से चरणों में स्थान देने और परिवार को दुख सहने की शक्ति देने की प्रार्थना की है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गोबिंद सागर झील हादसे में मारे गए बनूड़ के सात युवकों के परिवारों को मुख्यमंत्री राहत कोष से एक-एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ट्वीट किया- वैसे तो मानव जीवन का मूल्य किसी मुद्रा में नहीं मापा जा सकता फिर भी पीड़ित परिवारों के साथ दुख बांटने से उनकी पीड़ा कम होती है। गोबिंद सागर झील में डूबने के कारण मारे गए बनूड़ के सात युवकों के परिवारों को मुख्यमंत्री राहत कोष से एक-एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।

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