Punjab बंद से यातायात प्रभावित, किसानों ने कई जगहों पर सड़कें जाम कीं, रेल, बस सेवा स्थगित
CHANDIGARH चंडीगढ़: किसानों द्वारा लगाए गए ‘बंद’ के कारण पंजाब भर में जनजीवन प्रभावित हुआ है। ये किसान अपनी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी के लिए केंद्र के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। राज्य के कई स्थानों पर रेल और सड़क यातायात बाधित रहा और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। किसानों ने सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक बंद के आह्वान के तहत पटियाला, जालंधर, अमृतसर, फिरोजपुर, बठिंडा और पठानकोट सहित कई सड़कों और राजमार्गों पर ‘धरना’ दिया, जिससे यात्री यातायात प्रभावित हुआ। किसानों की एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी की मांग पर केंद्र द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने एक सप्ताह पहले राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया था।
खनौरी सीमा पर किसानों के विरोध स्थल पर पिछले 35 दिनों से अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए भी बंद लागू किया गया था। किसानों ने धारेरी जट्टान टोल प्लाजा पर धरना दिया, जिससे पटियाला-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई। अमृतसर के गोल्डन गेट पर, बड़ी संख्या में किसानों ने शहर के प्रवेश बिंदु के पास धरना दिया। वहां पुलिस ने कुछ फंसे हुए विदेशी पर्यटकों को स्वर्ण मंदिर तक पहुँचने के लिए ऑटो रिक्शा की व्यवस्था करके उनकी सहायता की। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने अमृतसर में संवाददाताओं से कहा कि आपातकालीन और अन्य आवश्यक सेवाओं को संचालित करने की अनुमति दी गई है। उन्होंने कहा कि हवाई अड्डे पर उड़ान पकड़ने, नौकरी के लिए साक्षात्कार देने या शादी में शामिल होने के लिए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को जाने की अनुमति दी जा रही है।
कुछ स्थानों पर, यात्रियों को सड़क जाम कर रहे प्रदर्शनकारी किसानों से बहस करते देखा गया। पंधेर ने हालांकि दावा किया, "सभी प्रतिष्ठान बंद हैं। पंजाबियों ने आज अपनी एकता दिखाई है और वे पूरा समर्थन दे रहे हैं।" उन्होंने कहा, "हम एक सफल बंद देख रहे हैं। ट्रेन सेवाएं भी पूरी तरह से निलंबित हैं और कोई भी ट्रेन पंजाब में प्रवेश नहीं कर रही है।" पंधेर ने यह भी दावा किया कि उनके बंद को ट्रांसपोर्टरों, कर्मचारी संघों, व्यापारियों और धार्मिक निकायों का मजबूत समर्थन मिला है। किसानों ने कई स्थानों पर पटरियों पर धरना दिया, जिससे रेलवे को राज्य से गुजरने वाली कई ट्रेनों को रद्द करना पड़ा और कुछ ट्रेनों को बीच में ही रोक दिया गया या बीच में ही शुरू कर दिया गया। गुजरात का एक कैंसर रोगी फिरोजपुर के एक रेलवे स्टेशन पर फंस गया।
उसकी पत्नी ने बताया कि उन्हें उसके लिए कुछ दवाइयां लाने के लिए हिमाचल प्रदेश जाना था, लेकिन ट्रेन सेवाएं प्रभावित होने के कारण वे असमंजस में पड़ गए। फगवाड़ा में किसानों ने एनएच-44 पर शुगरमिल क्रॉसिंग के पास धरना दिया और फगवाड़ा से नकोदर, होशियारपुर और नवांशहर की ओर जाने वाली सड़कों को अवरुद्ध कर दिया। फगवाड़ा-बंगा रोड पर बेहराम टोल प्लाजा पर भी धरना दिया गया। राज्य भर में कई जगहों पर अनाज मंडियां बंद रहीं। मोहाली जिले में किसानों ने कुछ स्थानों पर धरना दिया, जिससे वाहनों की सामान्य आवाजाही बाधित हुई। कई स्थानों पर सार्वजनिक परिवहन सड़कों से नदारद रहा, जबकि अधिकांश निजी बस ऑपरेटरों ने बंद के आह्वान का पालन करते हुए सेवाएं निलंबित कर दीं। बंद के कारण कई लंबी दूरी की निजी बसें और फल-सब्जियां ले जाने वाले ट्रक फंस गए। लुधियाना जिले में चौड़ा बाजार, सबन बाजार, विश्वकर्मा चौक, गिल रोड और सराभा नगर जैसे बाजारों में कुछ ही दुकानें खुलीं। शहर के मुख्य बस स्टैंड पर यातायात पूरी तरह से बंद रहा। लुधियाना जिले में किसानों ने 17 स्थानों पर धरना दिया।
राष्ट्रीय राजमार्ग-खन्ना, मेन समराला चौक और लुधियाना-समराला रोड पर घुलाल टोल प्लाजा इनमें से कुछ स्थान थे। बठिंडा में कुछ दवा की दुकानों को छोड़कर बाकी सभी बंद रहीं। अमृतसर, श्रीगंगानगर और मुक्तसर की ओर जाने वाली जिले की सड़कों को बीकेयू सिद्धूपुर कार्यकर्ताओं ने जाम कर दिया। बीकेयू के नेता राम सिंह देओन ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा, "यह हमारी फसलों और हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए लड़ाई है।" कपूरथला और जालंधर में भी बंद रहा और वहां सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। कई जगहों पर सड़कों पर ठेले और रिक्शा चालक नहीं दिखे। बैंक खुले तो थे, लेकिन खाली थे। प्रदर्शनकारियों के लिए चाय और दाल-परशादा के लंगर की व्यवस्था की गई थी। बंद का असर अंबाला समेत राज्य के कुछ पड़ोसी इलाकों में भी देखने को मिला।
अंबाला से चंडीगढ़, मोहाली, पटियाला और पंजाब के अन्य नजदीकी शहरों में जाने वाले सैकड़ों दैनिक यात्री बंद के कारण परेशान रहे। बसों ने अंबाला से चंडीगढ़ जाने के लिए वैकल्पिक मार्ग अपनाए, क्योंकि उन्हें पंजाब से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग के एक हिस्से को पार करना था। संगीता, जो हर दिन अंबाला से जीरकपुर काम के लिए आती-जाती हैं, हरियाणा के अंबाला कैंट में बस का इंतजार करती रहीं, लेकिन उन्हें सभी बसें "बहुत भीड़भाड़ वाली" लगीं। चंडीगढ़ के कोचिंग सेंटरों में पढ़ने वाले कई बाहरी लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इस बीच, 70 वर्षीय किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल की भूख हड़ताल सोमवार को 35वें दिन में प्रवेश कर गई। दल्लेवाल ने अब तक इलाज कराने से इनकार कर दिया है। फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर सैकड़ों किसान पंजाब-हरियाणा सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।