जलाए गए पराली के धुएं से दिल्ली की नहीं, बल्कि पंजाब की प्रदूषित हुई हवा, अध्ययन में बड़ा खुलासा

अध्ययन में बड़ा खुलासा

Update: 2021-11-26 09:00 GMT
पराली के धुएं से दिल्ली की नहीं, पंजाब की हवा प्रदूषित हो रही है। इसका खुलासा 45 दिन की हवा की गति को लेकर किए गए अध्ययन में हुआ है। पता चला है कि हाल फिलहाल में हवा की गति 3 से 5 किलोमीटर रही है। इस गति से पंजाब में जलने वाली पराली का धुआं 300 किलोमीटर दूर दिल्ली तक नहीं पहुंच सकता है।
16 नवंबर को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400 से अधिक पहुंच गया था। इससे पहले भी धान सीजन में दिल्ली की हवा प्रदूषित होती रही है। दिल्ली की हवा खराब होने के लिए हमेशा से पराली को जिम्मेदार ठहराया जाता रहा है लेकिन इसकी वास्तवित स्थिति कुछ और ही है। हाल फिलहाल में दिल्ली की हवा को लेकर हुए परीक्षण में पराली का योगदान महज 6 प्रतिशत ही पाया गया है।
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों द्वारा हवा की गति को लेकर किए अध्ययन में खुलासा हुआ है कि पराली के धुएं से राजधानी दिल्ली की तुलना में पंजाब की वायु गुणवत्ता अधिक प्रभावित हुई है। जलवायु परिवर्तन और कृषि मौसम विज्ञान विभाग ने एक अक्तूबर से 15 नवंबर के बीच हवा की गति महज तीन दिन में 5 किमी प्रति घंटे और बाकी दिनों में 2-3 से कम रही किलोमीटर प्रति घंटा रही है। इन परिस्थितियों में यह संभावना नहीं है कि धुएं ने 300 किमी की यात्रा की और दिल्ली की हवा को प्रदूषित किया।
पराली के धुएं ने दिल्ली से अधिक पंजाब में प्रदूषण का स्तर बढ़ा दिया है। सूबे के कई जिलों में पराली जलाने के सीजन में एक्यूआई 300 से अधिक हो गया था। जैसे-जैसे पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई, वैसे ही शहरों में हालात पहले की अपेक्षा अब बेहतर हो रहे हैं।
जिला एक्यूआई
अमृतसर 128
बठिंडा 235
जालंधर 147
लुधियाना 209
पटियाला 180
पराली का धुआं दिल्ली जब पहुंचता है, जब हवा की गति 10 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक रहती है लेकिन इस बार हवा की गति अन्य सीजन की अपेक्षा काफी कम रही, इसलिए पंजाब की पराली से दिल्ली की हवा प्रदूषित होने की संभावना कम रही। -डॉ. प्रभजोत कौर सिद्धू, प्रमुख, जलवायु और मौसम विज्ञान विभाग

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