45 बाइक और एक ट्रैक्टर जीतने वाले बैल की लंपी स्किन से मौत

पंजाब के जालंधर के फोलरीवाल में अपने मालिक के लिए पशु मेलों में 45 बाइक और एक ट्रैक्टर इनाम में जीतने वाले सिकंदर नाम के बैल की लंपी स्किन बीमारी (एलएसडी) की चपेट में आने से मौत हो गई.

Update: 2022-08-29 09:42 GMT

पंजाब के जालंधर के फोलरीवाल में अपने मालिक के लिए पशु मेलों में 45 बाइक और एक ट्रैक्टर इनाम में जीतने वाले सिकंदर नाम के बैल की लंपी स्किन बीमारी (एलएसडी) की चपेट में आने से मौत हो गई. जिसके बाद इसके मालिक 26 वर्षीय राजा फोलरीवाल ने सिकंदर की प्रतिमा स्थापित कर एक धार्मिक समारोह करने की योजना बनाई है. वहीं समराला के गांव हेडियां के किसान रविंदर सिंह ने बच्चों की तरह रखे अपने चार बैलों को लंपी स्किन बीमारी के कारण खो दिया. चारों बैलों की मौत के बाद बाद रविंदर ने उनकी गुरुद्वारा साहिब में अंतिम अरदास करवाई. अंतिम अरदास में सैकड़ों लोग जुटे, जिन्हें लंगर भी खिलाया गया. अंतिम अरदास के लिए बाकायदा निमंत्रण पत्र भी छपवाए गए थे.

सिकंदर बैल की मौत लंपी स्किन के कारण 16 अगस्त को हुई थी. अब उसके मालिक फोलरीवाल ने सिकंदर की याद में एक "पथ" धार्मिक समारोह आयोजित करने की योजना बनाई है और अपने प्रिय बैल की मूर्ति बनाने के लिए कलाकारों से संपर्क किया है. सात साल के सिकंदर को खोने वाले फोलरीवाल ने भावुक होकर बताया कि आज हमारे पास जो कुछ भी है उसकी ही वजह से है. उसने हमें सब कुछ दिया लेकिन जब हमें उसकी देखभाल करनी थी तो वह चला गया.
फोलरीवाल ने कहा कि सिकंदर उनके जीवन में तब आया जब सिकंदर एक साल का भी नहीं था. हमने उसे 16,000 रुपये में खरीदा था. हमने उसे प्रशिक्षित किया और सहजता के साथ उससे संवाद स्थापित कर लेते थे. राजा फोलरीवाल कहते हैं कि सिकंदर के नुकसान की भरपाई नहीं की जा सकती है. एलएसडी के कारण अपने बेशकीमती मवेशियों को खोने वाले अन्य किसान भी जानवरों की याद में समारोह आयोजित करते रहे हैं
उधर नवांशहर के हेरियां गांव के सतविंदर सिंह ने 23 अगस्त को अपने बैल भोलू की याद में एक "पथ" का आयोजन किया. सोशल मीडिया पर एक निमंत्रण भी भेजा गया था जिसमें बताया गया था कि छह वर्षीय भोलू ने दो कार, एक मोटरसाइकिल और नकद पुरस्कार जीता था. सतविंदर ने कहा कि हमें इससे उबरना होगा, लेकिन यह आसान नहीं होगा. मैंने भोलू को बचाने के लिए सब कुछ किया, लेकिन एलएसडी ने उसे मुझसे छीन लिया. समराला के गांव हेडियां के रविंदर सिंह ने बच्चों की तरह रखे अपने चार बैलों अर्जुन, चीना, काला नाग, नवाब को लंपी ने चपेट में ले लिया था. रविंदर ने राजस्थान से लेकर दिल्ली तक लाखों खर्च कर बैलों को बचाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका


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