जीआरपी के सहायक अधीक्षक ने पटियाला जिले से जुड़े एक व्यक्ति व्यक्ति के सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन के लिए भेजे थे। जांच में सामने आया कि 1998 में सर्टिफिकेट पर जो रोल नंबर दिखाया गया है वह सीरीज संगरूर जिले के परीक्षार्थियों को जारी की गई थी।
जीआरपी और पंजाब रोडवेज में फर्जी सर्टिफिकेट से नौकरी हासिल करने का मामला सामने आया है। इसकी पोल उस समय खुली जब पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (पीएसईबी) में उक्त लोगों के सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन को पहुंचे। इसके बाद बोर्ड ने उक्त तीनों लोगों को अपने रिकॉर्ड में ब्लैक लिस्ट कर दिया है। साथ ही उक्त लोगों पर कार्रवाई करने के लिए संबंधित विभागों को पत्र लिखा है। ऐसा इसलिए ताकि उक्त लोग किसी अन्य व्यक्ति के साथ धोखा न कर सकें। इसके अलावा पीएसईबी ने उक्त लोगों का रिकॉर्ड भी अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है।
जीआरपी के सहायक अधीक्षक ने पटियाला जिले से जुड़े एक व्यक्ति व्यक्ति के सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन के लिए भेजे थे। जांच में सामने आया कि 1998 में सर्टिफिकेट पर जो रोल नंबर दिखाया गया है वह सीरीज संगरूर जिले के परीक्षार्थियों को जारी की गई थी। पटियाला जिले के किसी भी परीक्षार्थी को उक्त रोल नंबर जारी नहीं किया गया।
इससे साफ है कि उक्त सर्टिफिकेट जाली है। इसी तरह सिंचाई विभाग के निगरान अधिकारी की तरफ से वेरिफिकेशन के लिए आए दस्तावेज में भी इस तरह का मामला सामने आया है। यह सर्टिफिकेट 10वीं का 2010 का था और अमृतसर जिले से संबंधित है। बोर्ड अधिकारियों के मुताबिक उक्त रोल नंबर फरीदकोट के विद्यार्थियों को जारी किया गया था। पंजाब रोडवेज चंडीगढ़ पटियाला जिले से संबंधित 10वीं कक्षा का एक सर्टिफिकेट भेजा गया था। यह साल 1999 का था। जांच में यह सर्टिफिकेट जाली पाया गया है।
हर महीने दो हजार सर्टिफिकेट आते हैं वेरिफिकेशन को
पीएसईबी में विभिन्न सरकारी विभागों से करीब दो हजार सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन के लिए हर महीने पहुंचते हैं लेकिन पहले कोरोना की वजह से सारे विभागों में भर्ती बंद हो गई थी। इस वजह से सर्टिफिकेट कम आ रहे थे। मगर अब दोबारा प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। ऐसे में अब सर्टिफिकेट आना शुरू हो गए हैं। इतना ही सरकारी विभागों को ऑनलाइन भी सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन की सुविधा पीएसईबी ने दी। संस्थान अपने सर्टिफिकेट को ऑनलाइन ट्रेस भी कर सकते हैं। इससे पहले पंजाब पुलिस, रेलवे, भारतीय सेना में भी फर्जी दस्तावेजों से नौकरी हासिल करने के केस सामने आ चुके हैं।