विधायक सिमरजीत बैंस की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट ने 3 फरवरी तक लगाई रोक
लोक इंसाफ पार्टी के नेता और विधायक सिमरजीत सिंह बैंस को सर्वोच्च अदालत से राहत मिल गई है।
लोक इंसाफ पार्टी के नेता और विधायक सिमरजीत सिंह बैंस को सर्वोच्च अदालत से राहत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को बैंस के खिलाफ कथित दुष्कर्म के एक मामले में तीन फरवरी तक गिरफ्तार न करने का आदेश दिया है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट मामले में दोबारा सुनवाई करेगा। बैंस लुधियाना के हलका आत्मनगर से विधायक हैं।
नवंबर 2020 में हुई थी शिकायत
इस मामले में पीड़िता ने सबसे पहले 16 नवंबर 2020 को विधायक सिमरजीत सिंह बैंस, कमलजीत सिंह, बलजिंदर कौर, जसबीर कौर उर्फ भाभी, सुखचैन सिंह, परमजीत सिंह उर्फ पम्मा और गोगी शर्मा के खिलाफ पुलिस कमिश्नर को शिकायत दी थी लेकिन पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की। केवल जांच के नाम पर मामले को लटकाया गया।
आखिरकार पीड़िता ने स्थानीय अदालत की शरण ली। एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट हरसिमरन जीत सिंह की अदालत ने 7 जुलाई 2021 को थाना डिविजन नंबर 6 की पुलिस को मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। अदालत के आदेश के बाद पुलिस ने विधायक बैंस सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
अदालत ने इस मामले में दो माह के अंदर चार्जशीट फाइल करने के लिए कहा था, इसके बावजूद पुलिस ने लगभग चार माह के बाद चार्जशीट को 11 नवंबर 2021 को अदालत में पेश किया। अभी तक इस मामले के एक भी आरोपी को पुसिल ने गिरफ्तार नहीं किया है। पीड़िता के वकील एडवोकेट हरीश राय ढांडा ने बताया कि अदालत ने गैरजमानती वारंट जारी कर दिया है। गुरुवार को अदालत में पुलिस ने कहा कि आरोपियों को पकड़ने उनके घर गए थे लेकिन वहां उन्हें कोई नहीं मिला।