Punjab पंजाब। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पंजाब के आप विधायक जसवंत सिंह गज्जन माजरा की याचिका पर सुनवाई 18 जून तक टाल दी। इस याचिका में उन्होंने बैंक धोखाधड़ी मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उनकी गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती दी है। न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह Justice Augustine George Masih की अवकाश पीठ ने इस बात पर गौर करने के बाद मामले की सुनवाई स्थगित कर दी कि आप विधायक ने प्रत्युत्तर दाखिल नहीं किया है। शुरुआत में ईडी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मामला मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम की धारा 19 और पर्याप्त आधारों के बारे में है।
उन्होंने कहा कि इस मामले में उठाए गए मुद्दे अरविंद केजरीवाल Arvind Kejriwal मामले से मिलते-जुलते हैं, जहां फैसला पहले ही सुरक्षित रखा जा चुका है। विधायक की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी ने दलील दी कि मुद्दे समान नहीं हैं और रिमांड पर भेजे जाने का कारण मुख्य रूप से गैरहाजिरी है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने जानना चाहा कि क्या मामले में दलीलें पूरी हो चुकी हैं। यह सूचित किए जाने पर कि अभी जवाब दाखिल किया जाना है, पीठ ने मामले की सुनवाई 18 जून तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले शीर्ष अदालत ने विधायक को लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने पहले उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें कहा गया था कि इसमें कोई अवैधता नहीं है। पिछले साल मई में, सीबीआई ने 40 करोड़ रुपये के कथित बैंक धोखाधड़ी के सिलसिले में गज्जन माजरा से जुड़े परिसरों पर छापेमारी की थी।