पंजाब में डीएपी की जमाखोरी और कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई, जानिए

राज्य को 2021-2022 के रबी सीजन के दौरान 5.50 लाख मीट्रिक टन डीएपी आवंटित की गई है. अक्टूबर माह के लिए 1.97 एलएमटी डीएपी आवंटित किया गया था, जिसमें से 1.51 एलएमटी प्राप्त हुआ था.

Update: 2021-11-08 04:45 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रबी सीजन की शुरुआत के साथ ही देश के कई राज्यों से डीएपी कि किल्लत होने की खबरे आयी, जिसके चलते किसानों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा. कई जगहों पर किसानों को लंबी लाइन में घंटो खड़ा रहना पड़ा. मध्यप्रदेश पंजाब और हरियाणा से इस तरह की खबरे आयी. इसे देखते हुए पंजाब के के कृषि मंत्री, रणदीप नाभा ने राज्य के डीलरों और प्राथमिक कृषि समितियों (PACS) के खिलाफ कार्रवाई की धमकी दी है. उन्होंने कहा कि जो डायमोनियम फॉस्फेट (DAP) के साथ अनावश्यक उत्पादों की जमाखोरी, कालाबाजारी या टैग करते हैं, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. क्योंकि इससे किसानों को काफी परेशानी होती है.

लाइसेंस होगा रद्द
नाभा ने कहा कि एफसीओ-1985 के अनुसार खुदरा विक्रेताओं और पैक्सों से संचालनकर्कताओ से कहा कि यदि वे इस तरह के कदाचार में लिप्त पाए जाते हैं तो उनका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा. मीडिया से बात करते हुए, नाभा ने पंजाब में डीएपी की उपलब्धता के बारे में भी विस्तार से बताया, जिसमें बताया गया है कि राज्य को 2021-2022 के रबी सीजन के दौरान डीएपी का 5.50 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) आवंटित किया गया है. अक्टूबर माह के लिए 1.97 एलएमटी डीएपी आवंटित किया गया था जिसमें से 1.51 एलएमटी प्राप्त हुआ था. नवंबर 2021 के महीने के लिए कुल 2.56 एलएमटी डीएपी आवंटित किया गया है, जिसमें से अब तक कुल 1.60 एलएमटी प्राप्त हुआ है. 6 नवंबर तक, पंजाब के विभिन्न जिलों में कुल 0.67 एलएमटी डीएपी उपलब्ध था, जिसमें उर्वरक के 50 और रेक – कुल 1.0 एलएमटी से अधिक – 15 नवंबर तक प्राप्त होने की उम्मीद है.
पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 1.50 एलएमटी डीएपी की कमी
डीएपी के सात रेक (18,304एमटी) नवंबर 2021 के दौरान लुधियाना, जालंधर, तरनतारन, अबोहर, मुक्तसर और रामपुराफुल में प्राप्त हुए हैं, नाभा ने कहा, डीएपी (34,558 मीट्रिक टन) के 12 रेक पारगमन में हैं और अमृतसर, रोपड़, बटाला, तरनतारन, जालंधर, मुक्तसर और सुनाम,लुधियाना, राजपुरा तक पहुंचाए जाएंगे. भारतीय रेलवे में कम से कम 18 और रेक (50,000 मीट्रिक टन) इंडेंट किए गए हैं और 15 नवंबर, 2021 तक प्राप्त किए जाएंगे. नाभा ने आगे कहा कि डीएपी की प्रीपोजिशनिंग हर साल अगस्त से शुरू होती है और इस साल इसी अवधि के दौरान पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 1.50 एलएमटी डीएपी की कमी थी.
वैकल्पिक उर्रवरक के इस्तेमाल की सलाह
उन्होंने कहा कि राज्य संकट से निपटने की पूरी कोशिश कर रहा है और अंतरराष्ट्रीय बाजार में उर्वरक की कीमत अधिक है और आवश्यक मात्रा उपलब्ध नहीं है. मंत्री ने सुझाव दिया कि फॉस्फेटिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डीएपी के साथ वैकल्पिक फॉस्फेटिक उर्वरकों – जैसे नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटेशियम (एनपीके), और सिंगल सुपर फॉस्फेट (एसएसपी) का भी उपयोग किया जाना चाहिए. उन्होंने दावा किया कि राज्य के विभिन्न जिलों में लगभग 0.34 एलएमटी एनपीके और 0.57 एलएमटी एसएसपी उपलब्ध है.


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