पंजाब में लगेंगे स्मार्ट बिजली मीटर, सरकारी दफ्तरों और कर्मचारियों के घरों से होगी शुरूआत

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Update: 2022-09-05 14:05 GMT
जालंधर। करीब 1200 करोड़ रुपए सालाना की बिजली चोरी रोकने के लिए पंजाब सरकार ने फिर से स्मार्ट बिजली मीटर लगाने की कवायद शुरू कर दी है। इस बार स्मार्ट मीटर लगाने की शुरूआत सरकारी कार्यालयों, सरकारी कर्मचारियों के घरों से की गई है। पंजाब स्टेट पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (पी.एस.पी.सी.एल.) ने यह कार्य हर हाल में इसी आने वाली 15 सितम्बर तक मुकम्मल करने की सख्त ताकीद की है और इसके बारे में बकायदा सरकारी पत्र जारी किए हैं। सूत्रों के अनुसार इसके बाद व्यापारिक प्रतिष्ठानों और फिर घरेलू उपभोक्ताओं को भी स्मार्ट मीटर योजना ने शामिल किया जाएगा। 5 माह पूर्व भी केंद्र सरकार के निर्देशों पर बिजली चोरी रोकने के लिए स्मार्ट मीटर लगाने के लिए कहा गया था। इन स्मार्ट बिजली मीटरों को प्री-पेड बिजली मीटरों के रूप में चलाया जाना था परन्तु पंजाब के किसानों ने इसका विरोध कर आंदोलन करने के चेतावनी दी थी।
ग्रामीण क्षेत्रों में स्मार्ट बिजली मीटर लगाने वाले कर्मचारियों का विरोध करने का भी ऐलान किया गया था। गौरतलब है कि साधारण बिजली मीटर की कीमत 1500 रुपए तक है जबकि स्मार्ट बिजली मीटर की कीमत 7 हजार रुपए तक थी। किसानों के विरोध के चलते पंजाब सरकार को स्मार्ट बिजली मीटर लगाने का निर्णय वापस लेना पड़ा। लेकिन इसके बावजूद 85 हजार स्मार्ट बिजली मीटर लगा दिए गए परन्तु उन्हें प्री-पेड बिजली मीटर में तबदील नहीं किया जा सका परन्तु तब केंद्र सरकार ने साफ तौर पर कहा था कि अगर पंजाब में स्मार्ट बिजली मीटर नहीं लगाए गए तो केंद्र सरकार को बिजली सुधारों के लिए धन रोकने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने खुद सत्ता में आने के बाद कहा था कि बिजली चोरी को हर हाल में रोका जाएगा। इसके चलते बिजली निगम की विभिन्न टीमों ने पंजाब में विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की थी और बिजली चोरी के अनेक मामले पकड़े थे और कई करोड़ रुपए का जुर्माना वसूला था। बिजली चोरी करने वालों में धार्मिक डेरे, पुलिस थाने, पुलिस कर्मचारियों के क्वार्टर्स इत्यादि शामिल थे।
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