सिख दखलअंदाजी बर्दाश्त नहीं करेंगे : एसजीपीसी

Update: 2023-06-19 18:56 GMT
अमृतसर (आईएएनएस)| शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने सोमवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा सिख गुरुद्वारा अधिनियम, 1925 में एक नया खंड जोड़ने की घोषणा की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि सिख कभी भी ऐसा सीधा हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेंगे। धामी ने यहां मीडिया से कहा कि मुख्यमंत्री को यह स्पष्ट कर दिया गया है कि सिख गुरुद्वारा अधिनियम में कोई भी संशोधन एसजीपीसी आम सभा की सिफारिशों के अनुसार संसद के माध्यम से केंद्र सरकार द्वारा ही किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि मान सिखों के धार्मिक मामलों को राजनीतिक रंग देकर दिल्ली में अपने आकाओं को खुश करना चाहते हैं। मान की ऐसी सोच सिख संगठन पर एक बड़ा हमला है।
उन्होंने कहा कि मान को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का 'सूबेदार' होने के बजाय मुख्यमंत्री के तौर पर राज्य के विकास की बात करनी चाहिए।
सचखंड श्री हरमंदर साहिब से गुरबाणी के प्रसारण के बारे में स्पष्ट करते हुए एसजीपीसी अध्यक्ष ने कहा कि गुरबाणी का विश्वव्यापी प्रसारण पहले से ही चल रहा है, जिससे देश-विदेश की संगत संतुष्ट है और संगत से कोई पैसा नहीं लिया जाता है।
उन्होंने यह भी कहा कि जुलाई में जी-नेक्स्ट मीडिया (पीटीसी चैनल) के साथ गुरबाणी प्रसारण के अधिकार समाप्त होने के बाद इस विषय पर एसजीपीसी की उप-समिति अगली व्यवस्था के लिए इस संबंध में काम कर रही है, जिसके सार्थक परिणाम जल्द ही सामने आएंगे।
धामी ने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि वह बताएं कि क्या सिख गुरुद्वारा अधिनियम 1925 में संशोधन की उनकी घोषणा सिखों के धार्मिक मामलों में सीधा हस्तक्षेप नहीं है?
उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि गुरबाणी प्रसारण के मामले में संगत को गुमराह करने की बजाय वह श्री दरबार साहिब की सड़कों और आसपास की साफ-सफाई पर ध्यान दें और संगत की सुविधाओं को बढ़ाएं, जो सरकार का काम है।
--आईएएनएस
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