पंजाब में 122 वीआईपी लोगों की सिक्योरिटी ली गई वापस, भगवंत मान कही यह बात
पंजाब के मनोनीत मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने वीआईपी संस्कृति के खिलाफ एक स्पष्ट संदेश देते हुए.
पंजाब के मनोनीत मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने वीआईपी संस्कृति के खिलाफ एक स्पष्ट संदेश देते हुए, शनिवार को शपथ ग्रहण से पहले राज्य कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) की पत्नी सहित 122 पूर्व विधायकों, मंत्री और वीआईपी की सुरक्षा वापस ले ली.
पूर्व मंत्रियों में कांग्रेस के मनप्रीत सिंह बादल और परगट सिंह शामिल हैं, जो चुनाव हार गए हैं. हालांकि, सूची में पूर्व मुख्यमंत्रियों- कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रकाश सिंह बादल और शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर बादल और राज्य कांग्रेस प्रमुख सिद्धू के नाम नहीं हैं.
सुरक्षा हटाने पर क्या बोले भगवंत मान?
नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर, जो पूर्व विधायक हैं, उन लोगों में शामिल हैं, जिनकी सुरक्षा हटा ली गई है.वहीं पूर्व मंत्रियों और विधायकों की सुरक्षा हटाने पर पंजाब के मनोनीत मुख्यमंत्री भगवंत मान थाने खाली पड़े हैं.हम पुलिस बल से ही पुलिस का काम लेंगे. मुझे लगता है कि पंजाब के लोगों की सुरक्षा कुछ लोगों की सुरक्षा से ज्यादा महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा, "पुलिस नेताओं के घरों के बाहर तंबू लगाकर उनकी सुरक्षा कर रही है. पुलिस से पुलिस वाला काम लेंगे. राज्य के 2.75 करोड़ लोगों की सुरक्षा जरूरी है."
वेणु प्रसाद, पंजाब के मुख्यमंत्री का अतिरिक्त मुख्य सचिव नियुक्त
इससे पहले वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ए. वेणु प्रसाद को पंजाब के मुख्यमंत्री का अतिरिक्त मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है. एक सरकारी आदेश में यह जानकारी दी गई.
पंजाब राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद प्रसाद की नियुक्ति इस तरह की पहली प्रशासनिक नियुक्ति है. प्रसाद 1991 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी हैं.
प्रसाद अब तक अतिरिक्त मुख्य सचिव, संसदीय मामले एवं कराधान के साथ ही पंजाब राज्य ट्रांसमिशन निगम लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे थे.