SAD ने संगरूर उपचुनाव में बीबा कमलदीप कौर को संयुक्त प्रत्याशी बनाया
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पंजाब की संगरूर सीट पर लोकसभा उपचुनावों की तैयारियां तेज हो चुकी हैं. इस सीट पर शिरोमणि अकाली दल, बसपा और सभी पंथिक संगठनों ने संयुक्त रूप से कमलदीप कौर राजोआना को उम्मीदवार घोषित किया गया है. कमलदीप कौर बलवंत सिंह राजोआना की बहन हैं. बलवंत सिंह पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं.
कमलदीप SAD के पार्टी चिह्न से चुनाव लड़ेंगी. शिरोमणि अकाली दल की ओर से साझा की गई जानकारी के मुताबिक वह 6 जून को अपना नामांकन दाखिल करेंगी. इससे पहले अकाली दल के नेताओं ने कमलदीप कौर से मिलकर उन्हें चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया था लेकिन कमलदीप ने पटियाला जेल में बंद भाई बलवंत सिंह राजोआना से मुलाकात के बाद अपनी सहमति दी. संगरूर लोकसभा सीट से पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान सांसद थे, लेकिन सीएम बनने के बाद उन्होंने इस सीट को छोड़ दिया.
आप ने गुरमेल सिंह को बनाया उम्मीदवार
संगरूर सीट पर उपचुनाव के लिए आम आदमी पार्टी ने गुरमेल सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है. इस सीट पर पहले सीएम भगवंत मान की बहन मनप्रीत कौर दावेदारी जता रही थीं, लेकिन पार्टी ने युवा चेहरे गुरमेल सिंह पर भरोसा जताया. गुरमेल आम आदमी पार्टी के संगरूर जिले के इंचार्ज हैं. उन्होंने 2013 में आप जॉइन की थी.
बीजेपी जाखड़ को बना सकती है उम्मीदवार
पंजाब कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ बीजेपी में शामिल हो गए हैं. उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ली थी. सूत्रों के मुताबिक सुनील जाखड़ को बीजेपी संगरूर से अपना उम्मीदवार बना सकती है.
पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रहे सुनील जाखड़ 14 मई को फेसबुक लाइव हुए थे और उन्होंने Good Luck.. GoodBye... कहकर कांग्रेस से अपना करीब 50 साल पुराना नाता तोड़ लिया था. उन्होंने बताया था कि उनकी तीन पीढ़ी कांग्रेस में रही, लेकिन 'पंजे' का साथ छोड़कर उन्होंने 'कमल' हाथ में थाम लिया.
बंदी सिखों के परिवार से प्रत्याशी बनाने की थी मांग
पार्टी प्रवक्ता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने बताया कि पंथक संगठनों की लंबे समय से मांग थी कि संगरूर उपचुनाव के लिए संयुक्त पंथक उम्मीदवार बंदी सिखों के परिवारों में एक होना चाहिए. पंथ को लगता है कि इससे सिख बंदियों की दुर्दशा पर ध्यान केंद्रित होगा, जो अपनी सजा पूरी होने के बाद भी जेलों में बंद हैं. श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने भी इस संबंध में समुदाय को एक संदेश दिया था.