धार्मिक नेता या आतंकवादी ! कौन था हरदीप सिंह निज्जर

Update: 2023-09-20 12:19 GMT
नई दिल्ली। खालिस्तान मुद्दे को लेकर तनावपूर्ण चल रहे कनाडा और भारत के संबंध अब हरदीप सिंह निज्जर की वजह से टूटने की कगार पर पहुंच गए हैं। कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने निज्जर की हत्या को लेकर भारत पर आरोप लगा कर खालिस्तान मुद्दे को खुलेआम समर्थन जाहिर कर दिया है । अब सवाल येउठता है कि आखिर ये निज्जर कौन है कोई धार्मिक नेता या आंतकी दल का सरगना जिसकी वजह से कनाडा और भारत के संबंधों में इतनी कड़वाहट आ गई है।
हरदीप सिंह निज्जर जालंधर के फिल्लौर के गांव भारसिंहपुरा का रहने वाला था और खालिस्तान टाइगर फोर्स का प्रमुख था। भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने 40 मोस्ट वांटेड आतंकियों की जो लिस्ट जारी की थी, उसमें निज्जर का नाम था। कनाडा के वैंकुवर में हरदीप सिंह निज्जर की 18 जून 2023 को गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। उसे कनाडा में ब्रिटिश कोलंबिया के सरी स्थित गुरुनानक सिख गुरुद्वारा के पास 2 अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मार दी।
गुरुनानक सिख गुरुद्वारा के पास जहां निज्जर की हत्या हुई इसी गुरुद्वारे में वह संचालक कमेटी का प्रधान भी था। हरदीप सिंह निज्जर ने 2013-14 में पाकिस्तान की भी यात्रा की थी। प्रतिबंधित भारतीय अलगाववादी समूह सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) से जुड़े निज्जर ने गुरपतवंत सिंह पन्नून के बाद 'नंबर 2' का पद संभाला था। पंजाब पुलिस के दस्तावेजों के अनुसार जालंधर के भारसिंह पुरा गांव का रहने वाला निज्जर 1996 में कनाडा चला गया।
कनाडा में, उसने प्लंबर के रूप में काम करना शुरू किया, हालांकि पिछले कुछ वर्षों में, खालिस्तान समर्थक गतिविधियों में शामिल होने के कारण, उनकी संपत्ति में अचानक वृद्धि देखी गई। निज्जर की आतंकवाद में भागीदारी जगतार सिंह तारा के नेतृत्व वाले बब्बर खालसा इंटरनेशनल में उसकी सदस्यता के साथ शुरू हुई। इसके बाद, उसने अपना खुद का समूह, खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) स्थापित किया। उसने भारत में खालिस्तानी सेल की पहचान करने, उन्हें जोड़ने, प्रशिक्षण देने और वित्त पोषण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उसके खिलाफ 10 से अधिक एफआईआर दर्ज थीं।
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