फरीदकोट के रमेश लाल ने दिया बलिदान, सेना में 24 साल से थे

Update: 2023-08-20 11:00 GMT
लद्दाख के लेह जिले में शनिवार को एक बड़े हादसे में सेना के नौ जवानों को अपनी जान गंवानी पड़ी। दरअसल, सेना का एक वाहन सड़क से फिसलकर गहरी खाई में जा गिरा। इस दर्दनाक हादसे ने नौ जवानों की जान ले ली।
हादसे में पंजाब के फरीदकोट जिले के रमेश लाल ने भी बलिदान दिया है। रमेश लाल सेना में जेसीओ के पद पर तैनात थे। वह फरीदकोट जिले के गांव सिरसिड़ी के रहने वाले थे। 41 वर्षीय रमेश लाल पिछले 24 साल से सेना में अपनी सेवा निभा रहे थे। हादसे की सूचना के बाद से परिवार में शोक की लहर है। रमेश के परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं।
अधिकारियों ने बताया कि यह दुर्घटना शनिवार शाम दक्षिणी लद्दाख के न्योमा के कियारी के पास हुई। हादसे में जान वाले सैनिकों में आठ जवान और एक जेसीओ (जूनियर कमीशंड ऑफिसर) शामिल हैं।
भारतीय सेना के अधिकारी ने बताया कि एक अशोक लीलैंड स्टैलियन (एएलएस) वाहन लेह से न्योमा की ओर जा रहा था। लगभग 5:45-6:00 बजे शाम को कियारी से सात किलोमीटर पहले घाटी में फिसल गया। वाहन में 10 कर्मी सवार थे। इनमें नौ की जान चली गई। वहीं एक जवान घायल है।
फतेहाबाद में है ससुराल
रमेश लाल की हरियाणा के फतेहाबाद के सुंदर नगर में ससुराल है। हादसे की सूचना के बाद ससुराल सुंदर नगर में मातम छा गया और परिवार रमेश लाल के गांव फरीदकोट के सिरसड़ी के लिए रवाना हो गया है। हालांकि रमेश लाल के ससुर शेर सिंह और सास बिमला देवी ऋषिकेश में बेटी गीता के पास रह रहे थे।
आठ माह पहले मिली थी पदोन्नति
फतेहाबाद के सुंदर नगर निवासी सोनू ने बताया कि उनके ताऊ शेर सिंह की बेटी गीता की शादी रमेश लाल के साथ हुई थी। रमेश लाल मूलरूप से पंजाब के फरीदकोट के गांव सिरसड़ी के रहने वाले थे। रमेश लाल की डयूटी पहले ऋषिकेश में थी। यहां पर वह अपनी पत्नी गीता देवी और दो बच्चों के साथ रह रहे थे। करीब आठ माह पहले पदोन्नति होने पर रमेश का तबादला लद्दाख कर दिया गया था। यहां पर 242 मीडियम रेजिडेंट में डयूटी दे रहे थे। रमेश लाल के दो बेटे हैं। बड़े बेटे का नाम निखिल और छोटे का नाम गोसिल है।
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