चंडीगढ़। मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा पंजाब को खेलों में देश का नंबर एक राज्य बनाने की वचनबद्धता पर चलते हुए नई खेल नीति का मसौदा तैयार कर लिया गया है। जल्द ही मुख्यमंत्री द्वारा खेल नीति जारी की जाएगी।
पंजाब के खेल मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने प्रस्तावित खेल नीति के मसौदे को अंतिम रूप देने के बाद जारी प्रेस बयान में यह जानकारी दी। इससे पहले खेल मंत्री ने खेल नीति का प्रारूप तैयार करने के लिए बनाई खेल माहिरों की कमेटी से निरंतर मीटिंगें की थीं। खिलाड़ियों और खेलों से जुड़ी विभिन्न संस्थाओं की फीडबैक भी ली गई।
मीत हेयर ने कहा कि खेल सभ्याचार पैदा करने के लिए गांव/शहर स्तर से राज्य स्तर तक खेल नरसरियों से लेकर सैंटर आफ एक्सीलेंस बनाए जाने पर ज़ोर दिया गया है। खिलाड़ियों की उपलब्धियों के हिसाब के साथ सीधी नौकरियों का प्रबंध करना, खिलाड़ियों की डाइट, प्रशिक्षण और चोटों से उभारने के लिए विशेष सैंटर, कोचों का सम्मान और खेलों के परमोशन के लिए काम करने वाली शख्सियतों/संस्थाओं का सम्मान खेल नीति का अहम हिस्सा होगा।
खेल मंत्री ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों की तैयारी के लिए खिलाड़ियों की वित्तीय मदद से लेकर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों का नकद राशि के साथ सम्मान पर भी ज़ोर दिया गया है। इसके इलावा जो खेल मुकाबले इनाम राशि वाली सूची में नहीं शामिल थे, उनको शामिल करना और पैरा स्पोर्टस के साथ स्पैशल ओलम्पिक्स/ ब्लाइंड/ डैफ खेलों के पदक विजेताओं को भी नकद राशि देने की सिफ़ारिश की जा रही है।
मीत हेयर ने बताया कि कोचों की भर्ती और खेल विभाग में विभिन्न पद भरने पर भी ज़ोर दिया जाएगा। मौजूदा खेल ढांचे को मज़बूत करने से नये खेल स्टेडियमों के निर्माण में खेल ग्राउंड को बनाने पर ही ध्यान केंद्रित किया जाएगा। मीटिंग में विशेष मुख्य सचिव खेल सरवजीत सिंह, विशेष सचिव पी. आनन्द कुमार और डायरैक्टर हरप्रीत सिंह सूदन भी उपस्थित थे।