पंजाब न्यूज़ : राज्यपाल नहीं, अब सीएम मान होंगे यूनिवर्सिटी के चांसलर, सोमवार कैबिनेट बैठक में लिया गया फैसला
चंडीगढ़, इन्द्रप्रीत सिंह। राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही यूनिवर्सिटियों के वाइस चांसलर बनाने को लेकर राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित और मुख्यमंत्री भगवंत मान के चली तकरार के बीच आम आदमी पार्टी की सरकार आज विधानसभा में बिल लेकर आएगी जिसमें राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री को चांसलर बनाया जायेगा। सोमवार कैबिनेट की बैठक में संबंधी फैसला ले लिया गया है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस फैसले की पुष्टि करते हुए कहा है कि यह बिल पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से बनाए गए बिल की तर्ज पर लाया जा रहा है।
मान और पुरोहित के बीच तल रही तकरार
काबिले गौर है कि पिछले साल पश्चिम बंगाल में भी मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर को लगाने को लेकर काफी तकरार हुई जिसके चलते ममता बनर्जी सरकार ने पिछले साल एक बिल पारित करके राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री को राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही यूनिवर्सिटी का चांसलर बना दिया है।
राज्यपाल ने नहीं लगाई मुहर, SC ने किया खारिज
अब यह कदम पंजाब सरकार ने भी उठाया है। दिलचस्प बात यह है कि अभी तक पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पारित किए गए बिल पर राज्यपाल ने मुहर नहीं लगाई है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने भी इस बिल को खारिज कर दिया है। पंजाब सरकार द्वारा मंगलवार को पारित किए जा रहे बिल का क्या हश्र होगा यह तो आने वाले दिनों में ही पता चल पाएगा।
डॉ राजीव बने थे वाइस चांसलर
काबिले गौर है कि बाबा फरीद मेडिकल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर के रूप में राज्य सरकार ने डॉक्टर गुरप्रीत सिंह वांडर का चयन किया था, लेकिन राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित इस बात पर अड़ गए कि उन्हें 3 सदस्यों का पैनल भेजा जाए। चांसलर के रूप में वाइस चांसलर को चुनने का अधिकार केवल उन्हें हैं।
राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच चल रही तकरार के बीच डॉक्टर गुरप्रीत सिंह वांडर ने अपना नाम वाइस चांसलर शिप से वापस ले लिया। कुछ दिन पहले डॉ राजीव को नया वाइस चांसलर बनाया गया था।
एक- एक पत्र का जवाब दूंगा
मान विधानसभा सेशन के पहले दिन मुख्यमंत्री ने अनौपचारिक बातचीत में कहा कि वह राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित की ओर से भेजे गए 1-1 पत्र का जवाब देंगे और साथ में अंतिम पत्र में यह भी लिखेंगे, ‘’आपके अगले पत्र के इंतजार में आपका भगवंत मान’’।
मान नहीं दे रहे थे जवाब
कुछ दिन पहले ही राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने आरोप लगाया था मुख्यमंत्री ने उन्हें उनके द्वारा भेजे गए पत्रों में से एक का भी जवाब नहीं दिया है जबकि सुप्रीम कोर्ट ने भी इस बारे में राज्य सरकार को आदेश दिया था कि राज्यपाल द्वारा चाही गई हर जानकारी देना राज्य सरकार का कर्तव्य है।
उन्होंने कहा कि वह भी एक एक पत्र संभाल कर रख रहे हैं। इसका जवाब देते हुए ही मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल को एक एक पत्र का जवाब देंगे। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने यह भी कहा कि उन्होंने चांसलर के रूप में राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री को लगाए जाने के मामले में कानूनी राय ले ली है। उसके अनुसार ही आगे बढ़ाया गया है।
यदि बिल पारित होगा तो...
पंजाब में पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला, गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर ,पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी लुधियाना ,गुरु अंगद देव पशु पालन यूनिवर्सिटी लुधियाना, बाबा फरीद मेडिकल फरीदकोट, पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी जालंधर और महाराजा रंजीत सिंह, टेक्निकल यूनिवर्सिटी बठिंडा राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही हैं, जिनका अभी तक चांसलर संविधान प्रमुख के तौर पर राज्यपाल थे।
अगर यह बिल पारित हो जाता है तो इसके बाद मुख्यमंत्री राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही यूनिवर्सिटियों के चांसलर होंगे।