पंजाब: पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित और मुख्यमंत्री भगवंत मान के बीच लंबे समय से चल रहे विवाद ने अब नया मोड़ ले लिया है. राज्यपाल ने CM भगवंत मान को चेतावनी दी है कि अगर वह आधिकारिक संचार का जवाब नहीं देते हैं तो वह राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते हैं. उन्होंने एक पत्र में लिखा है कि राज्य सरकार राजभवन की ओर से मांगी गई जानकारी नहीं दे रही है. ये सांविधानिक कर्तव्य का अपमान है. साथ ही उन्होंने लिखा कि र्रवाई रिपोर्ट नहीं भेजे जाने की स्थिति में उनके पास कानून और संविधान के अनुसार कार्रवाई करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा.
पंजाब के राज्यपाल ने सीमावर्ती राज्य में मादक पदार्थों की तस्करी पर सवाल उठाए और इस बारे में मान सरकार द्वारा की गई कार्यवाही के बारे में पूछा. राज्यपाल ने पत्र में कहा कि उन्हें नशीले पदार्थों की उपलब्धता और उपयोग के बारे में विभिन्न एजेंसियों से रिपोर्ट मिली है, और यह इतना आम कैसे हो गया है कि वे कथित तौर पर फार्मेसियों और यहां तक कि सरकार द्वारा नियंत्रित शराब की दुकानों में भी उपलब्ध हैं. राज्यपाल ने हाल ही में पेश की गई संसदीय समीति की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि पंजाब में हर 5 लोगों में से 1 नशे की लत का शिकार है.
क्या कहता है कानून
मान को लिखे हालिया पत्र में राज्यपाल ने पिछले मामलों में मुख्यमंत्री की तरफ से कोई जवाब नहीं मिलने को लेकर नाराजगी के संकेत देते हुए उन्हें चेतावनी दी है कि वह संवैधानिक तंत्र की विफलता पर एक रिपोर्ट राष्ट्रपति को भेज सकते हैं. पुरोहित ने मान को सलाह दी कि इससे पहले की वह संविधान के अनुच्छेद 356 और भारतीय दंड संहिता की धारा 124 के तहत अंतिम निर्णय ले, उन्हें कदम उठा लेना चाहिए. आमतौर पर राज्यपाल द्वारा रिपोर्ट भेजे जाने के बाद अनुच्छेद 356 के लागू होने पर किसी राज्य को सीधे केंद्र के शासन के अधीन लाया जाता है. वहीं आईपीसी की धारा राष्ट्रपति या राज्यपाल पर हमला करने या उन्हें, उनकी कानूनी शक्तियों का प्रयोग करने को लेकर गलत तरीके से रोकने से संबंधित है.
राज्यपाल की चेतावनी पर आप की प्रतिक्रिया
राज्यपाल की चेतावनी पर प्रतिक्रिया देते हुए आप नेता मालविंदर सिंह कांग ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा कि ‘राज्यपाल को मर्यादा बनाए रखनी चाहिए. भारत का संविधान निर्वाचित लोगों को अधिकार देता है… राज्यपाल द्वारा राष्ट्रपति शासन लगाने की धमकी और चेतावनी देना बताता है कि भाजपा के दिल की बात राज्यपाल की जबान पर आ गई है. मैं राज्यपाल से कहना चाहूंगा कि अगर वे राष्ट्रपति शासन लगाना चाहते हैं, तो उन्हें पहले यह काम मणिपुर, हरियाणा में करना चाहिए. पंजाब सरकार संवैधानिक ढांचे के दायरे में रह कर काम कर रही है.’ आप नेता ने आरोप लगाया कि राज्यपाल का सिर्फ एक एजेंडा है – गैर-भाजपा राज्य सरकारें जहां हैं वहां पर भाजपा के दिक्कत खड़ी करने के एजेंडे को आगे बढ़ाना.