पंजाब बिजली मंत्री बोले- पहली बार सामान्य वर्ग को मिलेगी मुफ्त बिजली

मुफ्त बिजली के तहत सामान्य वर्ग से पूरे बिल की वसूली के सशर्त फैसले को लेकर भगवंत मान सरकार बचाव की मुद्रा में आ गई है।

Update: 2022-04-18 18:45 GMT

मुफ्त बिजली के तहत सामान्य वर्ग से पूरे बिल की वसूली के सशर्त फैसले को लेकर भगवंत मान सरकार बचाव की मुद्रा में आ गई है। विपक्षी दलों ने जहां आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर जनता से भेदभाव करने का आरोप लगाया है, वहीं राज्य में आप विधायकों और मंत्रियों को सोशल मीडिया पर आम लोगों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है।

सोमवार को राज्य के बिजली मंत्री हरभजन सिंह ने अपनी सरकार के फैसले का बचाव करते हुए दलील दी कि ऐसा पहली बार है कि सामान्य वर्ग को 300 यूनिट मुफ्त बिजली दी जा रही है। अगर वह 600 यूनिट से ज्यादा बिजली इस्तेमाल करेंगे तो वह लग्जरी में है। उन्होंने कहा कि सामान्य वर्ग के गरीब लोगों के लिए 600 यूनिट बिजली पर्याप्त है।
बिजली मंत्री ने दावा किया कि राज्य के 69 लाख परिवारों का 2 माह का बिल 600 यूनिट से कम है। ऐसे में मुफ्त बिजली की योजना में शामिल सामान्य वर्ग को भी लाभ होगा। 600 यूनिट से ज्यादा इस्तेमाल पर पूरे बिल की वसूली के फैसले के विरोध को खारिज करते हुए बिजली मंत्री ने कहा कि सामान्य वर्ग के लोगों को पिछली सरकारों पर नाराजगी जाहिर करनी चाहिए, जिन्होंने इस वर्ग के लिए कभी कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि आप सरकार ही सामान्य वर्ग को मुफ्त बिजली के दायरे में लाई है।
सरकार को झटका, विपक्ष को सोशल मीडिया का साथ
उधर, सामान्य वर्ग से भेदभाव का आरोप लगा रहे विपक्षी दलों को सोशल मीडिया पर सूबे के सामान्य वर्ग का भरपूर साथ मिलने लगा है। कई लोगों ने आप विधायक अमन अरोड़ा समेत कई अन्य विधायकों को ट्वीट और फेसबुक पर मैसेज करके सरकार के फैसले पर नाराजगी जाहिर की है। इस बीच, सामान्य वर्ग में बढ़ती नाराजगी से भगवंत मान सरकार की मुश्किल बढ़ गई है।

सरकार अपने फैसले का बचाव तो कर रही है लेकिन उसकी दलीलें कहीं भी ठहर नहीं रही। 600 से ज्यादा यूनिट बिजली इस्तेमाल करने वाले सामान्य वर्ग को लग्जरी में गिनना भी सरकार को महंगा पड़ रहा है क्योंकि सोशल मीडिया पर सरकार से पूछा जा रहा है कि अगर आरक्षित वर्ग के लोग 600 यूनिट से ज्यादा इस्तेमाल करेंगे तो क्या वह लग्जरी नहीं है?

यह है सामान्य वर्ग की नाराजगी की वजह
दरअसल, मुफ्त बिजली की योजना के तहत सरकार ने एलान किया है कि पंजाब में हर घर को 2 महीने में 600 यूनिट बिजली मुफ्त मिलेगी। सामान्य वर्ग के लोगों का बिल यदि 600 यूनिट से ज्यादा होगा तो उन्हें 600 यूनिट समेत पूरा बिजली बिल भरना होगा, जबकि एससी, ओबीसी, स्वतंत्रता सेनानी और बीपीएल परिवारों ने अगर 600 यूनिट से ज्यादा बिजली खर्च की तो उस हालात में भी उन्हें 600 यूनिट माफ रहेंगे और बाकी बचे यूनिट का ही बिल भरना होगा।
फरीदकोट में सामान्य वर्ग ने शुरू किया धरना
सोमवार को फरीदकोट में सामान्य वर्ग के लोगों ने मुफ्त बिजली योजना में भेदभाव का आरोप लगाते हुए भगवंत मान सरकार के खिलाफ धरना शुरू कर दिया। योजना के तहत सामान्य वर्ग को 600 यूनिट से एक यूनिट भी ज्यादा होने पर पूरा बिल भुगतान करने को कहा गया है। शहर में बिजली घर के बाहर टेंट लगाकर धरने पर बैठे लोगों का कहना है कि सामान्य वर्ग से संबंधित होना कोई अपराध नहीं है, जिसकी सजा मुख्यमंत्री देने जा रहे हैं।

उधर, लुधियाना में हिंदू सिख अरोड़ा खत्री इंटरनेशनल संगठन के चेयरमैन सर्बजीत सिंह बंटी ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने पंजाब के लोगों को 300 यूनिट बिजली प्रति माह मुफ्त देने का वादा किया था। अब इस योजना को जाति के आधार पर बांटकर सामान्य वर्ग के साथ धोखा किया जा रहा है।

सामान्य वर्ग के साथ धोखा: भाजपा
भाजपा के प्रदेश महासचिव सुभाष शर्मा ने मुख्यमंत्री भगवंत मान पर निशाना साधते हुए अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा- 'मैं पंजाब के सीएम भगवंत मान से पूछना चाहता हूं कि जब आपने फ्री बिजली की गारंटी दी थी तो क्या बताया था कि जाति के आधार पर इस योजना का लाभ देंगे? क्या सामान्य वर्ग में गरीब परिवार नहीं है? आपकी यह योजना सामान्य वर्ग के लोगों के साथ अन्याय है और धोखा भी है।'


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