Punjab Elections: अमित शाह के बयान से परेशान हैं पंजाब के नेता, कही यह बात

पंजाब (Punjab) में सत्ता पर काबिज होने का सपना देख रहे राजनीतिक दलों गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) के उसे बयान ने खलबली मचा दी है

Update: 2022-02-23 16:09 GMT

 चंडीगढ़. पंजाब (Punjab) में सत्ता पर काबिज होने का सपना देख रहे राजनीतिक दलों गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) के उसे बयान ने खलबली मचा दी है, जिसमें उन्होंने कहा है कि राज्य में बहुमत के साथ किसी की सरकार नहीं बनेगी और दो या तीन पार्टियां मिलकर सरकार बनाएंगी. इस बयान से आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) की बेचैनी ज्यादा बढ़ गई है. उसे लगता है वह बहुमत के आंकड़े के पास पहुंची तो भाजपा बैठे बिठाए उसका खेल बिगाड़ देगी क्योंकि शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) को भी बहुत के आंकड़े को छूने की उम्मीद है. कांग्रेस की बात करें तो उसके समीकरण इतने उलझे हैं कि बागी सुरों और अंदरूनी लड़ाई में उसे कहा फायदा और नुकसान होगा उसे खुद भी नहीं पता है. उसके उम्मीदवार फिलहाल खुद के जीतने के अनुमान लगाने में व्यस्त हैं.

अमित शाह के बयान से चुनाव के बाद भी सियासी माहौल गरमाया हुआ है और नेता एक-दूसरे पर निशाना साधने से बाज नहीं आ रहे हैं. आम आदमी पार्टी के सीएम उम्मीदवार भगवंत मान ने अपने विरोधियों पर हमला बोला है. भगवंत मान ने आरोप लगाया कि पंजाब में कांग्रेस, शिअद और भाजपा सहित सभी दल आम आदमी पार्टी को सत्ता में आने से रोकना चाहते हैं.
शिरोमणि अकाली दल और भाजपा ने चुनाव नतीजों के बाद फिर से गठबंधन के संकेत दिए हैं . भगवंत मान ने कहा कि सभी विपक्षी दलों की सत्ता की भूख कभी खत्म नहीं होगी. उन्होंने कहा कि ये राजनीतिक दल अपनी योजनाओं में सफल नहीं होंगे. भगवंत मान ने शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी पर लोगों को बेवकूफ बनाने का आरोप लगाया है. आप सांसद ने कहा कि इन लोगों ने पंजाब की जनता को गुमराह किया है और ये लोग झूठ बोलकर किसानों और कार्यकर्ताओं का वोट हासिल करना चाहते थे.
शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम मजीठिया ने चुनाव के बाद भाजपा के साथ फिर से गठबंधन करने का संकेत दिया है. भाजपा नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी दावा किया है कि पंजाब के परिणाम चौंकाने वाले होंगे और किसी भी पार्टी का बहुमत के साथ वापसी से इंकार नहीं किया जा सकता है. बता दें कि बीजेपी और शिरोमणि अकाली दल 25 साल से पंजाब की राजनीति में भागीदार रहा है. हालांकि 2020 में तीन कृषि कानूनों के मुद्दे पर दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन टूट गया था. लेकिन अब लगता है कि समीकरण बदलने पर दोनों पक्ष फिर से एक हो जाएंगे.


Tags:    

Similar News

-->