सत्ताधारी सरकारों की अनदेखी का शिकार पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी, एक साल से अहम पोस्ट भी खाली
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लुधियाना। हरित क्रांति लिया कर भारत देश को अनाज के क्षेत्र में आत्म निर्भर बनाने वाली पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी इस समय सत्ताधारी सरकारों की अनदेखी का शिकार हो रही है। पिछले एक वर्ष से अधिक समय से पीएयू में सबसे महत्वपूर्ण उप कुलपति की पोस्ट खाली पड़ी है। यहां पर बता दें कि पीएयू के उप कुलपति डॉ.बलदेव सिंह ढिल्लों की तरफ से निजी मजबूरीयों के चलते वीसी पद से इस्तीफा देने के बाद से आज तक यह पद खाली पड़ा है।
पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह फिर चरनजीत सिंह चन्नी की सरकार ने पंजाब खेतीाबाड़ी यूनिवर्सिटी का नया उप कुलपति लगाने की बात की। उसके बाद आप की भगवंत मान की सरकार ने उप कुलपति लगाने की प्रक्रिया शुरू की। वीसी लगने के इच्छक उम्मीदवारों से आवेदन मंगवाए गए। लेकिन कुछ नहीं हुआ। आज तक पीएयू का कामकाज पंजाब सरकार आईएएस अधिकारियों को एडिश्नल चार्ज देकर चलाती आ रही है। वीसी के अलावा पिछले 9 महीनो से रजिस्ट्रार का पद खाली पड़ा है। डीन खेतीबाड़ी कॉलेज का पद पिछले एक वर्ष से और डायरैक्टर खोज का पद पिछले 9 महीनों से खाली पड़े है।
इसी तरह यूनिवर्सिटी के लगभग 15 विभागों का कामकाज एडिश्नल चार्ज देकर चलाने का काम किया जा रहा है। इस समय पीएयू आंदोलन का मैदान बनी हुई है। पीएयू के स्टूडैंट्स पिछले कई दिनों से खेतीबाड़ी विभाग में खाली पड़ी पोस्टो को भरने की मांग को लेकर धरने पर बैठे हुए है। कांग्रेसी विधायकों समेत पीएयू टीचर एसों भी सरकार से यह मांग करती आ रही है कि पीएयू का नया उप कुलपति लगाया जाए और खाली पड़ी पोस्टो को भरा जाए। क्योंकि इस समय यूनिवर्सिटी का खोज समेत अन्य कामकाज प्रभावित होने लगे है। यह तों समय ही बताएगा कि इस विश्व की प्रसिद्व खोज संस्था को नया वीसी कब मिलता है।