फ़रीदकोट। पंजाब के कई जिलों में पिछले कई दिनों से तेज़ बारिश हो रही है। जिससे पंजाब भर में बाढ़ जैसे हालात बने हुए है। सूबे के अलग- अलग शहरो से कई घटनाएं सामने आ रही है। कोटकपूरा में एक घर की छत गिरने से गर्भवती महिला समेत परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई है। घटना कोटकपूरा शहर के देवीवाला रोड स्थित वार्ड नंबर 8 में एक घर की है। जहाँ पर छत गिरने से दंपति व उनके 4 वर्षीय बेटे की दर्दनाक मौत हो गई। ये घटना उस समय हुई जब सारा परिवार घर में सो रहा था, तो सुबह करीब 4 बजे घर की छत गिर गई।
जानकारी के अनुसार घटना के बाद उनकी चीख पुकार सुनकर आसपास के लोग मौके पर जुटे और बड़ी मुश्किल के साथ सभी को मलबे से बाहर निकाला और अस्पताल पहुंचाया लेकिन गुरप्रीत सिंह, उसकी पत्नी कर्मजीत कौर व बेटे गैवी की मौत हो गई जबकि मनीषा अभी उपचाधीन है। उन्होंने बताया कि इस हादसे में एक गर्भवती महिला की भी मौत हुई है।
इस मौके पर एसडीएम वीरपाल कौर ने कहा कि इस हादसे में परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई जबकि एक लड़की घायल हुई है। जिला प्रशासन व सरकार की तरफ से पीड़ित परिवार की हर संभव मदद की जा रही है।
ऐसे में लोगों की मदद के लिए भारतीय सेना सामने आई है। गुरदासपुर के हल्का डेरा बाबा नानक की रावी नदी में बाढ़ आने से भारत-पाक सीमा पर स्थित आखिरी गांव घनिएके बेट देश के बाकी हिस्सों से पूरी तरह कट गया और रावी नदी के उस पार आखिरी गांव में सैकड़ों लोग फंस गए। ऐसे में अपनी जान जोखिम में डाल देश के जवानों ने (6/8 गोरखा राइफल) के करनाल मयंक वह लेफ्टिनेंट कर्नल सतेंद्र सिंह की देखरेख में एक बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।
जिसमें सेकंड लोगों की जान बचाई देर शाम तक चले इस रेस्क्यू ऑपरेशन में लगभग 450 पीड़ितों को सेना ने दो नावों में रावी नदी के पार सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया, लेकिन दूसरी तरफ धूसी बन में उनके लिए एक राहत कैंप भी स्थापित किया गया था। जिसमें पीड़ितों को चिकित्सा शिविर में भोजन, लंगर और रात के लिए रहने की व्यवस्था भी की अपने घरों को सुरक्षित लौटे अन्य लोगों ने भी सेना के जवानों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त की और सेना की भावना की प्रशंसा की।