PPSC प्रमुख जगबंस सिंह ने पेपर को लेकर दी सफाई , कहा कि नियमों के मुताबिक ही परीक्षा सिर्फ अंग्रेजी में ली गई

Update: 2022-05-25 10:49 GMT

पंजाब में मंगलवार को नायब-तहसीलदार के 78 पदों पर भर्ती के लिए पंजाब लोक सेवा आयोग (PPSC) ने परीक्षा ली. लेकिन इस एग्जाम को लेकर छात्रों में बेहद नाराज़गी है. छात्रों की शिकायत है कि क्वेश्चन पेपर केवल अंग्रेजी में सेट गया था. जबकि छात्र चाह रहे थे कि ये पेपर पंजाबी में भी हो. अब इस मसले पर छात्रों की नाराजगी के बाद PPSC प्रमुख जगबंस सिंह ने सफाई दी है. उन्होंने कहा है कि नियमों के मुताबिक ही परीक्षा सिर्फ अंग्रेजी में ली गई.

इस परीक्षा के बाद कैंडिडेट ने सरकार की आलोचना की थी. इसके बाद विपक्ष ने भी पंजाबी भाषा की अनदेखी के लिए सरकार की खिंचाई की. अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक पीपीएससी प्रमुख जगबंस सिंह ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि पीपीएससी द्वारा इसके कामकाज के लिए निर्धारित प्रक्रिया के नियम स्पष्ट रूप से निर्धारित करते हैं कि प्रश्न पत्र केवल अंग्रेजी भाषा में सेट किया जाना चाहिए. उनके मुताबिक पहले भी ऐसी सभी परीक्षाएं अंग्रेजी में ही आयोजित की गई हैं.
जगबंस की सफाई
जगबंस ने कहा कि इस एग्जाम को लेकर एकमात्र अपवाद पंजाब राज्य सिविल सेवा संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा है. यहां प्रारंभिक और मुख्य एग्जाम अंग्रेजी और पंजाबी दोनों में आयोजित करने के लिए सरकार द्वारा अधिसूचित नियमों द्वारा अनिवार्य है.
मल्टीपल चॉइस प्रश्न
उन्होंने कहा कि प्रश्न पत्र में मल्टीपल चॉइस प्रश्न शामिल थे, जिसमें उम्मीदवारों को दिए गए चार विकल्पों में से केवल सही विकल्प का चयन करना था. अध्यक्ष ने कहा, 'नायब तहसीलदार के पद के लिए न्यूनतम पात्र योग्यता स्नातक है और किसी भी स्ट्रीम में स्नातक को अंग्रेजी का बुनियादी ज्ञान होना चाहिए जो उसे मल्टीपल चॉइस क्वेश्चन में सही विकल्प चुनने में सक्षम बनाता है. ऐसी परीक्षाओं में प्रश्नों के उत्तर देने के लिए लिखित अंग्रेजी की आवश्यकता नहीं है.'
फरवरी में जताई थी आपत्ति
बता दें कि उच्च शिक्षा और भाषा विभाग ने फरवरी में सभी सरकारी विभागों को लिखे अपने पत्र में कहा था, 'यह हमारे संज्ञान में आया है कि कुछ विभाग केवल अंग्रेजी में भर्ती परीक्षा के प्रश्नपत्र तैयार करते हैं. यह पंजाब राजभाषा अधिनियम, 1967 और पंजाब राजभाषा (संशोधन) अधिनियम, 2008 का उल्लंघन है. आपको परीक्षा के लिए अधिनियम का पालन करना होगा.'


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