पावरकॉम सीधे तौर पर रिकवरी कर सकेगा

Update: 2023-08-05 06:00 GMT

कई राज्यों मुफ्त बिजली के चलन के बीच केंद्र सरकार ने बिजली एक्ट-2003 में संशोधन करके नया नियम बना दिया है। इसके तहत अब राज्य सरकारों को बिजली सब्सिडी की अदायगी एडवांस में करनी होगी। हर तीन महीने की सब्सिडी पहले ही अदा की जाएगी। अगर सरकारें ऐसा नहीं करेंगी तो संबंधित बिजली निगम सब्सिडी की राशि खपतकारों के बिलों में लगाकर वसूल कर सकेगा।

केंद्र के इस नियम से मुफ्त बिजली देने वाली पंजाब सरकार के लिए भी मुश्किल खड़ी हो सकती है, क्योंकि पिछले वित्तीय वर्ष में पावरकॉम को समय से करोड़ों की सब्सिडी का भुगतान न होने से काफी आर्थिक मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। फिलहाल मान सरकार एक साथ बिजली सब्सिडी की अदायगी कर रही है, जिससे पावरकॉम ने राहत की सांस ली है।

पीएसईबी इंजीनियरिंग एसोसिएशन के महासचिव इंजीनियर अजय पाल सिंह अटवाल का कहना है कि पंजाब स्टेट रेगुलेटरी कमीशन कई वर्षों से सरकार से बिजली सब्सिडी की अदायगी एडवांस में करने को कह रहा था लेकिन इसे लागू नहीं किया गया। जिससे पावरकॉम को आर्थिक दिक्कतों को सामना करना पड़ा लेकिन अब केंद्र सरकार की ओर से बिजली एक्ट में संशोधन करके नया नियम बनाने से पावरकॉम को काफी फायदा होगा।

उन्होंने कहा कि हर तिमाही की सब्सिडी राशि एडवांस में मिलने से पावरकॉम के लिए बिजली व कोयले की खरीद जैसे जरूरी काम करने आसान रहेंगे, जबकि इससे पहले इन कार्यों के लिए करोड़ों रुपये का लोन लिया जाता था। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन केंद्र के इस कदम का स्वागत करती है। उन्होंने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में सरकार तुरंत सब्सिडी का भुगतान कर रही है। ऐसे ही आगे भी जारी रहनी चाहिए।

सालाना सब्सिडी 12000 करोड़ से बढ़कर 18000 करोड़ हुई

गौरतलब है कि मान सरकार की ओर से हर महीने 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने से सालाना सब्सिडी राशि करीब 12000 करोड़ से बढ़कर 18000 करोड़ हो गई है लेकिन बीते वित्तीय साल में सब्सिडी का समय से भुगतान नहीं हुआ। ऊपर से सब्सिडी का पिछला बकाया 9020 करोड़ रुपये भी सरकार की तरफ खड़ा था। बाद में जब मामले ने तूल पकड़ा तो सरकार ने सब्सिडी का भुगतान कर दिया था। जबकि 9020 करोड़ के पिछले बकाया को पांच किश्तों में देने का वादा किया था। इसकी करीब 1800 करोड़ की बनती पहली किश्त पावरकॉम को मिल चुकी है और इस साल की किश्त अभी मिलनी बाकी है।

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