पुलिस ने ड्रग इंस्पेक्टर बबलीन कौर को रिश्वत लेने के आरोप में किया गिरफ्तार, लाइसेंस के लिए मांगे थे 90 हजार

Update: 2022-06-29 11:50 GMT

अमृतसर क्राइम न्यूज़: गुरदाससुपर में कार्यरत पंजाब की युवा ड्रग इंस्पेक्टर बबलीन कौर को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। गुरदासपुर विजिलेंस टीम ने गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी में बने सरकारी क्वार्टर से बबलीन को पकड़ा है। बबलीन का सिविल अस्पताल पठानकोट में मेडिकल कराया गया और फिर कोर्ट में पेश किया गया। यह मामला पठानकोट के एक मेडिकल स्टोर से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि पठानकोट के ममून स्थित अजय मेडिकल स्टोर के संचालक अरुण शर्मा ने लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवेदन किया था। यह आवेदन गुरदासपुर की ड्रग इंस्पेक्टर बबलीन कौर ने अस्वीकृत कर दिया था। बबलीन कौर के पास पठानकोट जिले का अतिरिक्त प्रभार भी है। आरोप है कि गुरदासपुर सिविल सर्जन कार्यालय में कार्यरत दर्जा चार कर्मचारी राकेश कुमार के माध्यम से मेडिकल स्टोर संचालक से संपर्क किया गया। राकेश ने 90 हजार रुपये में लाइसेंस बनवाने की बात कही। राकेश ने इस बात की शिकायत मुख्यमंत्री द्वारा जारी भ्रष्टाचार निरोधक हेल्पलाइन पर दर्ज करवाई थी। हेल्पलाइन से विजिलेंस को कार्रवाई का आदेश मिला।

बीते मंगलवार को राकेश कुमार ने अरुण से 30 हजार रुपये की रुपये लिए। वहां पहले से ही खड़ी विजिलेंस टीम ने राकेश को धर दबोचा। पूछताछ में राकेश ने कहा कि यह राशि बबलीन कौर ने मांगी थी। कर्मचारी सच बोल रहा है या झूठ, यह जांच का विषय था। उसके बयानों पर विजिलेंस टीम बुधवार सुबह तकरीबन 8 बजे न्यू अमृतसर स्थित बबलीन कौर के घर पर पहुंची। बबलीन कौर उस वक्त घर नहीं थी। संभवत: विजिलेंस के आने की सूचना उन्हें पूर्व में मिल चुकी थी। लिहाजा वह गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी में कार्यरत अपने रिश्तेदार के क्वार्टर में छिप गई थी। सूचना के आधार टीम यूनिवर्सिटी पहुंची। बबलीन को गिरफ्तार करने से पूर्व यूनिवर्सिटी का प्रवेश व निकासी द्वार बंद कर दिए गए। इसके बाद यूनिवर्सिटी के क्वार्टर से उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

यह वही ड्रग इंस्पेक्टर हैं जिनके आने से पहले दवा कारोबारी अपनी दुकानों के शटर गिराकर गायब हो जाया करते थे। आज वह विजिलेंस से छिपने का प्रयास कर रही थी। हालांकि, बड़ा सवाल यह भी है कि पीएन राकेश कुमार की तैनाती बबलीन कौर के साथ नहीं थी। वह सिविल सर्जन गुरदासपुर का कर्मचारी है। यह भी संभव है कि बबलीन कौर को इस मामले की जानकारी न हो। राकेश ने अपने स्तर पर पैसे मांगे और पकड़े जाने पर बबलीन का नाम लिया हो।

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