सरकारी स्कूलों में मिड-डे-मील स्कीम बंद होने के किनारे, पढ़ें पूरी खबर
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लुधियाना। सरकारी और मान्यता प्राप्त स्कूलों में पहली से 8वीं कक्षा तक पढ़ रहे विद्यार्थियों को दोपहर का खाना मिड-डे-मील स्कीम के अंतर्गत दिया जाता है। इस खाने को पकाने के लिए विभाग द्वारा कुकिंग कास्ट और मिड-डे-मील वर्कर्स को वेतन भेजा जाता है। पिछले 3 महीनों से मिड-डे-मील वर्कर्स, स्कूलों के अध्यापक और स्कूल प्रमुख पाई-पाई को तरस रहे हैं और दुकानदारों से उधार लेने के लिए मिन्नतें कर रहे हैं। इसके सम्बन्ध में जानकारी देते हुए सरकारी स्कूल टीचर्स यूनियन पंजाब के प्रांतीय सरपरस्त चरन सिंह सराभा, प्रांतीय अध्यक्ष सुरिन्दर कुमार पुआरी, सीनियर उपाध्यक्ष सुखजिंदर सिंह खानपुर, महा-सचिव गुरप्रीत सिंह माड़ीमेघा, एडीशनल महा-सचिव बाज सिंह भुल्लर, एक्टिंग महा-सचिव प्रवीन कुमार, सलाहकार प्रेम चावला, बलकार वलटोहा, वित्तीय सचिव नवीन सचदेवा, परमिंदर पाल सिंह कालिया, संजीव शर्मा, मनीष कुमार, प्रैस सचिव टहल सिंह सराभा ने कहा कि पिछले लगभग 3 महीनों से स्कूलों को सरकार द्वारा कोई भी राशि प्राप्त नहीं हुई और स्कूलों के अध्यापक मिड- डे- मील स्कीम को चालू रखने के लिए अपनी जेब से पैसे खर्च कर काम चला रहे हैं।
इससे अध्यापकों में भारी रोष पाया जा रहा है अध्यापकों का कहना है कि यदि पंजाब सरकार द्वारा जल्दी ही मिड-डे-मील की राशि और मिड-डे-मील वर्कर्स का वेतन न जारी किया तो अध्यापक इस स्कीम का बायकॉट करने के लिए मजबूर होंगे जिस की सारी जिम्मेदारी पंजाब सरकार की होगी। उन्होंने पंजाब सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द मिड-डे-मील की राशि और वर्कर्स का वेतन जारी किया जाए जिससे मिड- डे- मील स्कीम अध्यापकों के लिए आर्थिक बोझ न बने। इस अवसर अपर जगमेल सिंह पक्खोवाल, चरन सिंह ताजपुरी, जोरा सिंह बस्सिया, दर्शन सिंह मोही, बलबीर सिंह कंग, नरिन्दरपाल सिंह बुर्ज लिट्टा, शमशेर सिंह बुर्ज लिट्टा, चरनजीत सिंह, बलविंदर सिंह सी.एच.टी., कृष्ण लाल आदि उपस्थित थे।