जल्द बनेगी एनआरआई नीति, पंजाब के धार्मिक स्थलों की मुफ्त यात्रा कराएगी सरकार

Update: 2022-08-04 11:06 GMT

न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला

प्रवासी पंजाबियों को बड़ी राहत प्रदान करने के लिए सिविल लोक अदालतों की तर्ज पर प्रवासियों के मसले निपटाने के लिए एनआरआई लोक अदालतें स्थापित करने के लिए प्रयास किए जाएंगे।

एनआरआई को रिझाने के लिए पंजाब सरकार ने प्रयास तेज कर दिए हैं। विदेशों में बैठे प्रवासी बुजुर्गों को सरकार सूबे के धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थलों की मुफ्त यात्रा कराएगी। साथ ही जल्द ही सूबा सरकार एनआरआई नीति बनाएगी। एनआरआई के विवादों को हल करने के लिए लोक अदालतों को बनाने के प्रयास तेज करेगी। एनआरआई मंत्री कुलदीप धालीवाल ने बताया कि एनआरआई सभा के पिछले सालों के कामों की समीक्षा भी सरकार कराएगी।

चंडीगढ़ में बुधवार को राज्य के प्रवासी भारतीय मामलों संबंधी मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने एनआरआई विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों और एनआरआई आयोग के मंच के साथ बैठक के दौरान नई एनआरआई ड्राफ्ट पॉलिसी संबंधी विचार विमर्श किया। बैठक के बाद मंत्री ने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा प्रवासी पंजाबी नौजवान को अपनी जड़ों से जोड़ने के लिए कार्यक्रम चलाया गया है। उसी तर्ज पर सरकार द्वारा बुजुर्गों के लिए भी योजना बना रही है, जिसके अंतर्गत प्रवासी पंजाबी बुजुर्गों को राज्य के धार्मिक और ऐतिहासिक स्थानों की मुफ्त यात्रा करवाई जाएगी।

प्रवासी पंजाबियों को बड़ी राहत प्रदान करने के लिए सिविल लोक अदालतों की तर्ज पर प्रवासियों के मसले निपटाने के लिए एनआरआई लोक अदालतें स्थापित करने के लिए प्रयास किए जाएंगे। इन अदालतों में खास तौर पर जमीनों और विवाहों के झगड़े मौके पर ही आपसी सहमति से निपटाए जाएंगे, जिसको कानूनी मान्यता होगी। प्रवासी मामलों संबंधी मंत्री ने एनआरआई सभा जालंधर के पिछले सालों के दौरान किए गए कार्यों की समीक्षा करने के लिए हिदायतें जारी की।

हर जिले में तैनात होंगे नोडल अधिकारी

बैठक में हर जिले में पीसीएस अधिकारियों को नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त किए जाने का फैसला किया। साथ ही मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान को आवेदन भेजा गया। इस फैसले से जिला स्तर पर ही एनआरआई की समस्याओं का निराकरण करने में मदद मिलेगी।

कानूनी बदलाव करेगी सरकार

कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि आम तौर पर एनआरआई की जमीनों पर कब्जों के बहुत से मामले सामने आते हैं, जिसके समाधान के लिए फैसला किया गया कि ऐसा कानूनी बदलाव किया जाए कि एनआरआई की जमीनों की गिरदावरी सहमति के बिना न बदली जा सके।

वकीलों का बनेगा पैनल

बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि प्रवासी पंजाबियों की कानूनी सहायता के लिए एडवोकेट जनरल दफ्तर से वकीलों का पैनल बनाया जाएगा। जरूरत पड़ने पर एनआरआई इन वकीलों से कानूनी सहायता ले सकेंगे।


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