चंडीगढ़। लंपी स्किन बीमारी से जूझ रहे पंजाब में अब अफ्रीकन स्वाइन फीवर ने दस्तक दे दी है। आई.सी.ए.आर. राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान भोपाल ने जिला पटियाला से भेजे गए सूअरों के सैंपल्स में अफ्रीकन स्वाइन फीवर (ए.एस.एफ.) की पुष्टि की है जिसके बाद पंजाब के पशुपालन, मछली पालन और डेयरी विकास मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने कहा कि पंजाब को 'कंट्रोल्ड क्षेत्र' घोषित कर दिया गया है ताकि सूचीबद्ध बीमारी अफ्रीकन स्वाइन फीवर की रोकथाम, कंट्रोल और खात्मा यकीनी बनाया जा सके।
इस संबंध में पशुपालन विभाग द्वारा नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है जो तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है। पशुपालन विभाग ने बीमारी रोकने के लिए दोनों प्रभावित क्षेत्रों में एक किलोमीटर के अंदर रह रहे सूअरों को मारकर बीमारी पर यहीं रोक लगाने के लिए अर्थात 'कलिंग' के लिए टीमों का गठन किया और शाम को यह प्रक्रिया भी शुरू कर दी। भुल्लर ने बताया कि इसी एक्ट के अध्याय-3 की धारा 20 के अधीन जिला पटियाला के गांव बिलासपुर और सनौरी अड्डा पटियाला के क्षेत्रों को इस बीमारी के केंद्र के रूप में नोटीफाई किया गया है। इन क्षेत्रों को 'इनफैक्टिड जोन' (बीमारी के केंद्र के आसपास 0-1 किलोमीटर क्षेत्र) और 'सॢवलांस जोन' (बीमारी के केंद्र के आसपास 1-10 किलोमीटर क्षेत्र) घोषित किया गया है।
नोटिफिकेशन का हवाला देते हुए मंत्री ने कहा कि कोई भी जिंदा/मृत सूअर (जंगली सूअरों समेत), नॉन-प्रोसैस्ड सूअर का मीट, सूअर पालन फार्म/ बैकयार्ड सूअर पालन से कोई भी फीड या सामग्री/सामान इनफैक्टिड जोन से बाहर न तो ले जाया जाएगा और न ही जोन में लाया जाएगा। कोई भी व्यक्ति सूचीबद्ध बीमारी के साथ संक्रमित किसी भी सूअर या सूअर उत्पाद को मार्कीट में नहीं लाएगा और न ही लाने की कोशिश करेगा। किसी भी सूअर या इससे संबंधित सामान के अंतर्राज्यीय यातायात पर सख्ती से पाबंदी लगाई गई है।