Gursikh लड़की को कृपाण पहनने पर परीक्षा हॉल में प्रवेश न देना संविधान का उल्लंघन
Amritsarअमृतसर : शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान एडवोकेट हरजिन्द्र सिंह धामी ने कहा कि राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से गत दिन jodhpur के एक केन्द्र में राजस्थान ज्यूडीशियल परीक्षा के लिए पहुंची गुरसिख लड़की को कृपाण पहनने पर प्रवेश न देना संविधान का उल्लंघन है।
उन्होंने कहा कि इसके लिए परीक्षा केन्द्र के अधिकारियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए, जिनकी इस गलत हरकत से एक बच्ची का भविष्य दांव पर लगा है। उन्होंने कहा पिछले कुछ समय से देश में सिखों को खास कर निशाना बनाया जा रहा है, जो देशहित में नहीं है, जिनमें अमृतधारी सिखों के धार्मिक चिन्ह ककार उतारने के लिए कहा जाता है।
उन्होंने इस व्यवहार को अपने ही देश भारत में सिखों के साथ बड़ा भेदभाव करार देते हुए गुरसिख लड़की को हर तरह का सहयोग देने की बात कही। उन्होंने कहा कि सिख संस्था पीड़ित गुरसिख बच्ची के साथ है। एडवोकेट धामी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा से मांग की कि इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप कर सिख बच्ची को ज्यूडीशियल पेपर में दाखिल होने से रोकने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करें, साथ ही मुख्यमंत्री से गुरसिख लड़की एडवोकेट अरमनजोत कौर के लिए पेपर दिलवाने का विशेष प्रबंध करवाने की मांग की।
पिता ने राजस्थान High Court में दायर की याचिका
दूसरी ओर जालंधर निवासी गुरसिख लड़की एडवोकेट अरमनजोत कौर के पिता बलजीत सिंह ने शिरोमणि कमेटी को उक्त जानकारी दी, साथ ही बताया कि इस मामले में जोधपुर में राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है और न्याय के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी। इस समय एडवोकेट अरमनजोत कौर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट के पास वकालत की प्रैक्टिस कर रही है।