राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने ठोस और तरल कचरे के प्रबंधन (solid and liquid waste management) में विफल रहने के कारण पंजाब सरकार पर 2,000 करोड़ रुपए से अधिक का जुर्माना लगाया है। कचरा प्रबंधन में विफल रहने के कारण इसके पैदा होने और शोधन में भारी अंतर है। NGT अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि सुधारात्मक कदम के लिए न तो अनिश्चित काल तक इंतजार किया जा सकता है, न ही स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों को लंबे समय तक टाला जा सकता है।
पीठ ने कहा, ''राज्य सरकार की जिम्मेदारी प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक व्यापक योजना बनाना है जो इसकी पूर्ण जवाबदेही है। इसे समझा नहीं जा रहा है।'' NGT ने कहा, ''यदि बजटीय आवंटन में कमी है, तब भी राज्य सरकार को ही लागत कम करने या संसाधनों में वृद्धि करने की उपयुक्त योजना बनानी है।'' पीठ ने कहा कि अपशिष्ट प्रबंधन के विषय पर पर्यावरण मानदंडों का अनुपालन उच्च प्राथमिकता पर होना चाहिए।
न्यूज़क्रेडिट: punjabkesari