चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ के डी.जी.पी. को आदेश दिए हैं कि एन.डी.पी.एस. (नशा तस्करी) मामले में जांच 180 दिन के भीतर पूरी होनी चाहिए, जिसके लिए उन्हें सभी जांच अधिकारियों के लिए दिशा-निर्देश जारी करने को कहा गया है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर ने फतेहाबाद की एक अदालत की ओर से एन.डी.पी.एस. मामले में आरोपी को डिफाल्ट जमानत देने से इंकार करने को चुनौती देते हुए दाखिल हुई एक याचिका की सुनवाई करते हुए उक्त आदेश जारी किए हैं। याची ने निर्धारित 180 दिनों के भीतर जांच कर आरोप पत्र दाखिल नहीं करने के बाद जमानत मांगी थी।
हाईकोर्ट ने उसे जमानत देने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि उसके पास से मिले नशीला पदार्थ की मात्रा इतनी अधिक है कि उसे सेवन के दायरे में नहीं माना जा सकता बल्कि वह आगे बिक्री के लिए था। कोर्ट ने कहा कि डी.जी.पी. यह भी सुनिश्चित करे कि जांच अधिकारी पकड़ी गई नशे की खेप के सैंपल जांच के लिए सी.एफ.एस.एल. लैब में भी समय पर भेजें। कोर्ट ने हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ के गृह सचिवों को भी निर्देश दिए हैं कि वह इस प्रयोगशालाओं में जरूरत के उपकरण व स्टाफ मुहैया करवाना भी सुनिश्चित करें ताकि कोर्ट में मामलों के निबटारे में देर न हो।