Ludhiana,लुधियाना: स्थानीय न्यायालय में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत National Lok Adalat organised में जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हरप्रीत कौर रंधावा की देखरेख में कई वैवाहिक विवादों का समाधान करने में सफलता मिली। जिन दम्पतियों ने स्वभावगत मतभेदों या अन्य प्रमुख मुद्दों के कारण साथ रहने में असमर्थता जताई थी, उन्हें न्यायपीठों ने वर्षों से दुश्मनी पालने के बजाय सौहार्दपूर्ण तरीके से अलग होने के लिए मनाने का प्रयास किया। ऐसे ही एक मामले में अदालत ने पति-पत्नी के बीच समझौता करवाकर छह साल पुराने मामले का पटाक्षेप किया। महिला ने 2017 में दाखा निवासी एक व्यक्ति से विवाह किया था। हालांकि, 2019 में दम्पति के बीच विवाद उत्पन्न हो गया, जिसके कारण एक-दूसरे के खिलाफ कई मामले न्यायालय में दायर किए गए। पत्नी ने अपने और अपने बेटे के भरण-पोषण के लिए मामला दायर किया था, जो लंबे समय से लंबित था। अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय राजविंदर सिंह की
न्यायपीठ ने दोनों पक्षों को समझाते हुए बताया कि एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का खेल उनके जीवन को और जटिल बना रहा है। न्यायाधीश की सलाह के बाद दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से मामले वापस लेने पर सहमति जताई। आपसी मतभेद के चलते उन्होंने तय किया कि अगर वे साथ नहीं रह सकते तो एक-दूसरे पर आरोप लगाए बिना आपसी सहमति से तलाक की अर्जी दाखिल करेंगे। पत्नी ने भी भरण-पोषण का दावा वापस ले लिया। शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 58,984 मामलों का निपटारा किया गया और करीब 1,15,38,14,037 रुपये के अवॉर्ड पारित किए गए। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव गुरविंदर सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान स्थानीय न्यायालयों में 35 लोक अदालत बेंच लगाई गई थीं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में मामलों के निपटारे को लेकर निवासियों में काफी उत्साह दिखा।