चंडीगढ़ Chandigarh: किरण और श्रुति चौधरी ने मंगलवार को कांग्रेस सेरेस दे दिया था। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन Chairman Mallikarjunaखड़गे ने ट्वीट कर लिखा है कि यह बहुत दुखद है कि हरियाणा में कांग्रेस को व्यक्तिगत तौर पर आगे बढ़ाया जा रहा है। इसमें मेरी जैसी ईमानदार आवाज़ों के लिए कोई जगह नहीं है। मेरे जैसे लोगों को बहुत ही सुसाइड तरीके से फॉलो किया जाता है। समय-समय पर अपमान किया जाता है और साजिशें रची जाती हैं। अपने लोगों को प्रतिनिधित्व करने और मूल्य को बनाए रखने के लिए मेरे कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही है। मेरा लक्ष्य शुरू से ही अपने राज्य और अपने देश के लोगों की सेवा करना है। लेकिन अब ऐसी बाधाओं की वजह से काम करने में असमर्थ हूँ। अपने लोगों और पापों की आकांक्षाओं को साकार करने के लिए मैं आगे देखने के लिए मजबूर हूं।
वहीं, श्रुति चौधरी Shruti Choudhary ने भी अपने इस्तीफे में कहा कि कांग्रेस पार्टी दुर्भाग्य से एक व्यक्ति केंद्रित हो गई है, जिसने अपनी स्वार्थी और हितों के लिए पार्टी के हितों से समझौता किया है। भिवानी-महेंद्रगढ़ कांग्रेस क्षेत्र में पूर्व मुख्यमंत्री चौ. बंसीलाल परिवार का अच्छा खासा प्रभाव था। बंसीलाल की पोती श्रुति चौधरी भी यहां से सांसद रह चुकी हैं। पिछले कुछ समय से किरण को लेकर सिवाई गलियां में अफवाहें और कयास तेज हो गए थे लेकिन मंगलवार को उनके कांग्रेस से बचने के बाद तस्वीर अब स्पष्ट हो गई है। किरण अपनी बेटी श्रुति का राजनीतिक भविष्य भी साथ लेकर चल रही हैं। ऐसे में किरण चौधरी का फैसला उनकी बेटी श्रुति के राजनीतिक भविष्य को भी तय करेगा। किरण चौधरी के कांग्रेस से इस्तीफा देने पर हरियाणा पार्टी के अध्यक्ष उदयभान ने कहा कि उनकी कांग्रेस पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
उन्होंने पार्टी इसलिए छोड़ दी क्योंकि उनकी बेटी को टिकट नहीं दिया गया...इसका विचारधारा से कोई लेना-देना नहीं है। प्रदेश कांग्रेस में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और किरण चौधरी की आपसी खींचतान जगजाहिर है। किरण चौधरी ने हाल ही में दिए बयान में कहा कि हरियाणा कांग्रेस का कोई भविष्य नहीं होने की बात कह कांग्रेस छोड़ने के संकेत दे रहे थे। प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ने भी कहा है कि सब स्वतंत्र हैं। अपने निर्णय लेने का हक सभी को हैं। भूपेंद्र हुड्डा ने अपने प्रभाव से किरण चौधरी की बेटी पूर्व सांसद श्रुति चौधरी की टिकट काटकर राव दान सिंह को लोकसभा में इस खींचतान और बढ़ाने का काम किया था। किरण के कांग्रेस को अलविदा कहने के बाद भिवानी में भूपेंद्र हुड्डा का गुट मजबूत होगा क्योंकि हुड्डा के यहां हर विधानसभा क्षेत्र में न केवल किरण की अच्छी सेना है, बल्कि पूर्वी इलाकों का बड़ाधड़ा भी उनके साथ खड़ा है। ऐसे आधारों में किरणों के जाने के बाद हुड्डा सामान यहां पहले से अधिक मजबूत होगा।