उद्योगपतियों का कहना है कि इंगट, रोलिंग स्टील, इंडस्ट्रियल ऑयल, कैमिकल्स, पेंट, लकड़ी, रबड़ इत्यादि की कीमतों में पिछले दिनों के दौरान बेतहाशा वृद्धि हो गई है। इससे हालात यह पैदा हो गए हैं कि वह महंगा कच्चा माल खरीद कर अपने उत्पाद तो बना देंगे लेकिन बाजार में उन्हें महंगे कच्चे माल की तरह दाम नहीं मिल पा रहा है। कच्चे माल के रेट बढ़ने के कारण उनकी उत्पादों की कॉस्ट भी बढ़ गई है। उन्हें अपने उत्पादों को मार्केट में बेचने के लिए भारी मुसीबतों को सामना करना पड़ रहा है। व्यापारी भी बढ़ी हुई कीमत के कारण उनका माल नहीं उठा रहे हैं। वह भी किसी तरह का रिस्क लेने से परहेज कर रहे हैं। सारे का सारा रिस्क अब इंडस्ट्री पर आ गया है।
उद्योगपतियों का कहना है कि सरकार की तरफ से उन्हें कोई सहयोग नहीं दिया जा रहा है। उनकी समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है जिससे उद्योग धीरे-धीरे बंद होने की कगार पर पहुंचते जा रहे हैं। उद्योगपतियों के कहना है कि अब हालात ऐसे पैदा हो गए हैं कि उन्हें अपना काम धंधा छोड़ कर अपनी और फैक्ट्रियों में काम करने वाले हजारों लोगों की रोजी-रोटी बचाने के लिए सड़कों पर उतरना पड़ रहा है।