किराए पर कोख देने वाली महिलाओं के लिए अहम खबर, नहीं खेल सकेंगी लाखों के लेन-देन का खेल
बड़ी खबर
चंडीगढ़। अब किराए पर कोख देने वाली महिलाएं लाखों के लेन-देन का खेल नहीं खेल सकेंगी। अब ऐसी महिलाओं की सेरोगेसी पर बाकायदा नजर रखी जाएगी। यही नहीं सरोगेट मां बनने वाली महिलाओं के स्वास्थ्य तक को खंगाला जाएगा ताकि महिला कोख को व्यवसाय न बना ले। चंडीगढ़ प्रशासन ने इन विट्रो फर्टिलाइजेशन आई.वी.एफ.- और सेरोगेसी पर नजर रखने के लिए एक प्राधिकरण और एक बोर्ड का गठन कर दिया है। यह बोर्ड और प्राधिकरण चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली में चलने वाले आई.वी.एफ. सेंटर्स पर नजर रखेगा और बाकायदा रजिस्ट्रेशन सर्टीफिकेट भी जारी करेगा।
ध्यान रहे सेरागंसी और आई.वी.एफ. से संबंधित उपचार तकनीकों पर ए. आर. टी. एंड सेरोगेसी लॉ को 25 जनवरी को लागू कर दिया गया था जिसके मद्देनजर अब प्राधिकरण और बोर्ड का गठन किया गया है। प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित के नेतृत्व में बोर्ड का गठन किया है जिसके उपाध्यक्ष हैल्थ सैक्रेटरी यशपाल गर्ग होंगे। सदस्यों में प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल, सैक्रेटरी होम अफेयर्स नितिन कुमार यादव, सोशल वैल्फेयर वूमैन एंड चाइल्ड विभाग की सैक्रेटरी नितिका पवार, सैक्रेटरी लॉ एंड जस्टिस नितिन यादव, डायरैक्टर हैल्थ एंड फैमिली वैल्फेयर डा. सुमन सिंह को शामिल किया गया है।
सिर्फ एक बार कर सकेंगे डोनेट
सूत्रों की माने तो ए. आर. टी. एंड सेरोगेसी लॅ बनने के बद ट्राईसिटी में आई. वी. एफ. का काम लगभग बंद है। ट्राईसिटी में करीब 24 ऐसे सैस है जहां आई. वी. एफ. तकनीक से इलाज किया जाता है। कुछ सैटर्स में ही आई. वी. एफ. का काम चल रहा था, लेकिन उन्हें भी बोर्ड और पधिकरण के गठन में देरी होने की वजह से कई वित्तीय मुश्किलों को सहन करना पड़ रहा था । कानून बनने के बाद अब तय हो चुका है कि व्यक्ति जीवन में सिर्फ एक वफा ही सीमन डोनेट कर सकता है। वहीं, महिल भी जीवन में एक ही बार अंडे डेनेट कर सकती है। पहले वेनर्स कमी गुजरात तो कभी पंजाब में सीमन डोनेट कर पैसे कमा रहे थे। अब लॅ बनने के बद डोनेशन ऑनलाइन देखी जा सकेगी और व्यक्ति गैर-कानून तरीके से डेनेशन करता है तो सजा भी काटनी पड़ सकती है। ऐसे में डोनर्स जो सीमन की एक डोनेशन पर आई. वी. एफ. सैर्स से 1200 रुपए लेते थे उन्होंने 20 हजर रुपए भी वसूल लिए हैं। एग डेनर महिलाएं ने पहले प्रा डोनेशन के लिए 30 हजार लेती थी, एक लया रुपए तक वसूल किए है। अब जब प्रधिकरण और बेर्ड का गठन हो गय है ते छग और सीमन डेनेशन के दम भी तय कर दिए जाएंगे।