पंजाब की युवा पीढ़ी को डॉलरों-पौंडों के सुनहरी स्वप्न दिखा कर उनसे लाखों-करोड़ों की ठगी करने के मामले तो अक्सर सामने आते रहते हैं, वहीं जालंधर कमिश्नरेट पुलिस ने कुछ दिन पहले विदेश भेजने के नाम पर लोगों से लाखों रुपए की ठगी करने के मामले में 18 ट्रैवल कारोबारियों के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए थे, अभी उक्त ट्रैवल कारोबारियों को कमिश्नरेट पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई है।
वहीं अब पढ़ाई के तौर पर विदेश जाने वाले छात्रों के इंगलिश टैस्ट में 'प्रॉक्सी टैस्टिंग' का एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। छात्रों को इंगलिश टैस्ट पास करवाने वाली कंपनी के एक अधिकारी को जब इस फर्जीवाड़े का पता चला तो उसके होश उड़ गए। इसके चलते उसने अपनी ही कंपनी के एक कर्मचारी सहित कुल 9 लोगों के खिलाफ कमिश्नरेट पुलिस को शिकायत दर्ज करवाई।कमिश्नरेट पुलिस ने कंपनी के अधिकारी की शिकायत के बाद कंपनी के कर्मचारी सहित पंजाब के अलग-अलग शहरों व गुजरात के कुल 9 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। जालंधर में प्रॉक्सी टैस्टिंग का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आने पर कई ट्रैवल कारोबारियों में भी हड़कंप मचा हुआ है क्योंकि इंगलिश में कमजोर विद्याॢथयों से लाखों रुपए ऐंठे जाते थे।सूत्रों के मुताबिक बताया जा रहा है कि इस फर्जीवाड़े में कई ट्रैवल कारोबारियों की भी सांठ-गांठ होने की आशंका है। फिलहाल मामला दर्ज होने के बाद सभी आरोपी पुलिस की गिरफ्त से फरार बताए जा रहे हैं। कमिश्नरेट पुलिस द्वारा आरोपियों की तलाश में छापेमारी की जा रही है।
अंग्रेजी में कमजोर छात्रों को ही बनाते थे शिकार
आम तौर पर देखा जाए तो राज्य भर के छात्रों को पढ़ाई के तौर पर विदेश जाने का क्रेज है, जिसके चलते रा'य भर में बड़ी संख्या में ट्रैवल कारोबारियों ने अपने दफ्तर खोल रखे हैं और राज्भ भर में भारी तादाद में छात्र रोजाना विदेश जाने की चाह में ट्रैवल कारोबारियों के दफ्तरों में चक्कर काटते दिखते हैं।आम तौर पर देखा जाए तो विदेश में पढ़ाई के तौर पर जाने के चाहवान छात्रों को वीजा आवेदन पत्र अप्लाई करने से पहले आईलैट्स या अंग्रेजी भाषा की जानकारी होने के चलते कई अन्य टैस्ट पास करना भी अनिवार्य होता है। अंग्रेजी में कमजोर छात्रों को टैस्ट पास करने में मुश्किल आती है जिसके चलते कई ट्रैवल कारोबारियों की मिलीभगत के साथ प्रॉक्सी टैस्टिंग का फर्जीवाड़ा चल रहा है। सूत्रों के मुताबिक बताया जा रहा है कि टैस्ट पास करवाने के लिए छात्रों से लाखों रुपए की डील की जाती है।
सी.सी.टी.वी. फुटेज व रिकार्डिंग चैक करने पर पता चला फर्जीवाड़ा
सूत्रों के मुताबिक इस सारे फर्जीवाड़े का जब कंपनी को पता चला तो कंपनी के अधिकारी ने खुद अपने स्तर पर जांच करवाई तो उसमें कंपनी का एक कर्मचारी ही मास्टरमाइंड निकला। जांच में पता चला कि कंपनी के कर्मचारी की मिलीभगत से पेपर के समय मिलते-जुलते नाम (गगनदीप सिंह, गगनदीप सिंह बराड़) वाले 2 लोगों को एक साथ बैठा कर टैस्ट करवाते थे। सी.सी.टी.वी. फुटेज व रिकार्डिंग चैक करने पर इस फर्जीवाड़े का पता चला है।