आरोपी लड़की के मोबाइल से और आपत्तिजनक Video मिलने बारे हुआ अहम खुलासा
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चंडीगढ़। डी.आई.जी. रोपड़ गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी केस में कहा कि पुलिस की जांच सही ट्रैक पर चल रही है और लोग अफवाहों पर ध्यान न दें। उन्होंने कहा कि केस में सबसे अहम सबूत फोरैंसिक डाटा है, जो कि आरोपी छात्रा व उसके साथियों के मोबाइल फोन्स व अन्य डिवाइसिस से हासिल होना है। भुल्लर ने कहा कि फोरैंसिक रिपोर्ट से ही यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि आरोपी छात्रा द्वारा कितने और किस-किस के वीडियो बनाए थे। सोशल मीडिया पर चल रही चर्चा कि चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की आरोपी छात्रा के मोबाइल फोन की जांच करने पर उसमें से दर्जनभर और वीडियो क्लिप मिले हैं, जिनमें अन्य छात्राओं के वीडियो भी हैं, को गलत करार देते हुए डी.आई.जी. रोपड़ रेंज गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने कहा कि अभी ऐसा कुछ नहीं है क्योंकि मोबाइल फोन फॉरैंसिक जांच के लिए भेजे हुए हैं और वहां से ऐसी कोई सूचना नहीं हासिल हुई है। एस.आई.टी. इंचार्ज ए.सी.पी. रूपिंद्र कौर भट्टी ने कहा कि फॉरैंसिक जांच होने से पहले कुछ भी नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि पुलिस बार-बार यही अपील कर रही है कि तथ्यविहीन बातों पर लोग यकीन न करें, फॉरैंसिक रिपोर्ट आने पर सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा। डी.आई.जी. भुल्लर ने कहा कि एफ.आई.आर. दर्ज होने के बाद न सिर्फ आरोपी छात्रा को चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी से ही गिरफ्तार कर लिया गया बल्कि उससे प्रारंभिक पूछताछ के बाद उसके 2 दोस्तों को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। चूंकि यह साइबर से जुड़ा मामला है, इसलिए इन आरोपियों के मोबाइल फोन्स, लैपटॉप और अन्य इलैक्ट्रॉनिक डिवाइसिस भी कब्जे में ली गई थीं।
उन्होंने कहा कि इस मामले में हालांकि संबंधित लोगों के बयान लिए जा रहे हैं, जिनमें होस्टल वार्डन व अन्य स्टाफ भी शामिल है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण सबूत आरोपी लड़की और उसके दोस्तों के मोबाइल फोन्स हैं। इनको फोरैंसिक जांच के लिए भेजा जा चुका है और फोरैंसिक लैब से डिटेल्स सांझा होने के साथ ही मामले में आगे का एक्शन तय होगा, क्योंकि फोरैंसिक एवीडैंस से कोई भी मुकर नहीं सकता। उन्होंने लोगों से अपील की है कि यदि केस से जुड़ा कोई तथ्य मौजूद है तो एस.आई.टी. से संपर्क करें।डी.आई.जी. भुल्लर ने कहा कि मामले की जांच के लिए डी.जी.पी. गौरव यादव द्वारा गठित की गई ऑल वुमन एस.आई.टी. की इंचार्ज एस.पी. रूपिंद्र कौर भट्टी व उनकी टीम द्वारा सीन ऑफ क्राइम का दौरा करके जानकारी जुटाई गई है और साथ ही पंजाब पुलिस की स्टेट फोरैंसिक एक्सपर्ट टीम द्वारा भी सीन ऑफ क्राइम का दौरा करके तथ्य जुटाए गए हैं। भुल्लर ने कहा कि इस मामले में अब यह भी सामने आया है कि कुछ छात्राओं को विदेशी नंबरों से फोन करके ब्लैकमेल करने की कोशिश की जा रही है या फिर झूठी जानकारी फैलाने का प्रयास किया जा रहा है। इसकी भी जांच शुरू कर दी गई है और जरूरत पडऩे पर इसके लिए अलग से एफ.आई.आर. दर्ज की जाएगी।