VC मामले में राज्यपाल ने दिखाए तीखे तेवर, पंजाब सरकार को कही यह बात
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चंडीगढ़। राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित और मुख्यमंत्री भगवंत मान के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है। मुख्यमंत्री भगवंत मान की तरफ से राज्यपाल को लिखे गए पत्र के बाद शुक्रवार को राज्यपाल बेहद तीखे अंदाज में सामने आए। देर शाम पंजाब राजभवन में बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की ओर से जारी किए गए पंजाबी के पत्र का अंग्रेजी में अनुवाद करवाया है और पढ़ा है। मुख्यमंत्री ने जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया है, उस भाषा का इस्तेमाल वह भी कर सकते हैं लेकिन राज्यपाल के पद की एक गरिमा है। राज्यपाल ने कहा कि बिना मतलब कुछ भी लांछन लगाना सही नहीं। इससे जनता में गलतफहमी पैदा होती है। राज्यपाल ने यह भी कहा कि अगर पंजाब सरकार ने पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर को नहीं हटाया तो वह कानूनी राय लेंगे। पंजाब में वाइस चांसलर की नियुक्तियों में किसी तरह के संदेह पर राज्यपाल ने कहा कि डोर ढीली छोड़ दो तो कुछ भी हो सकता है। दरवाजा खुला रखोगे तो कोई भी घुस जाएगा।
राज्यपाल ने कहा कि पत्र में इल्जाम लगाया गया है कि राज्यपाल दखलअंदाजी कर रहे हैं। ऐसी मुख्यमंत्री भगवंत मान की समझ हो सकती है लेकिन असल में उलटा राज्य सरकार यूनिवर्सिटी के मामलों में दखलअंदाजी कर रही है। कायदे से राज्य सरकार यूनिवर्सिटी के कामकाज में दखलअंदाजी नहीं कर सकती। इस मामले में कई जजमैंट भी आए हैं। राज्पाल ने स्थाई वाइस चांसलर की नियुक्ति पर यह कहते हुए भी सवाल उठाया है कि सरकार को जब कार्यकारी वाइस चांसलर तैनात करना था तब तो तीन बार राज्यपाल से मंजूरी ली गई लेकिन जब स्थाई नियुक्ति की गई तो यह कैसे कहा जा सकता है कि मंजूरी की जरूरत नहीं है? राज्यपाल ने कहा कि पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर की तैनाती को साम्प्रदायिक रंग देना सही नहीं है। राज्यपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री का यह कहना कि एक सिख जाट को वाइस चांसलर नियुक्त किया गया लेकिन यह मुद्दा नहीं है, मुद्दा व सवाल तो कानून के मुताबिक नियुक्ति का है, जिसका पालन नहीं किया जा रहा।