जालंधर। 2 महीने का बिल बनने पर खपत का संतुलन होने की उम्मीदों पर विभाग ने पानी फेर दिया है। इसके तहत अब 7 किलोवाट व इससे अधिक लोड वाले उपभोक्ताओं को 2 माह के स्थान पर 1 माह का बिल मिला करेगा। यदि किसी माह में बिजली खपत अधिक होगी व दूसरे माह में खपत कम होगी तो उपभोक्ताओं को इसका लाभ नहीं हो पाएगा। शुरूआत में स्मार्ट मीटर वाले उपभोक्ताओं को 1 माह का बिल मिला करेगा जबकि आने वाले समय में यह स्कीम दूसरे मीटर वालों पर भी लागू हो जाएगी। इससे विभाग को बड़े स्तर पर लाभ होगा जबकि उपभोक्ताओं को प्रति माह अपनी खपत पर संतुलन रखना पड़ेगा।
सरकार के आदेशों पर पावरकॉम द्वारा घरेलू उपभोक्ताओं को 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने की स्कीम शुरू की चुकी है। इसके तहत 2 महीने के बनने वाले बिजली बिल में उपभोक्ताओं को 600 यूनिट तक की छूट दी गई है, जिस उपभोक्ता की खपत 600 यूनिट से अधिक होगी उसको पूरा बिल देना होगा। खपत 600 यूनिट से कम होने पर कोई बिल नहीं बनेगा। 2 माह का बिल बनने की सूरत में 600 यूनिट से अधिक खपत वाले उपभोक्ताओं को 2 माह अतिरिक्त राहत मिलने वाली थी। इसके तहत मार्च-अप्रैल व सितम्बर-अक्तूबर के बिल में लाभ मिलना तय माना जा रहा था, क्योंकि अप्रैल व सितम्बर के मुकाबले मार्च व अक्तूबर में ए.सी. का इस्तेमाल कम होता है। इसके तहत मार्च-अप्रैल व सितम्बर-अक्तूबर का बिल बनने पर खपत संतुलित होने की उम्मीद थी। उपभोक्ता की इन उम्मीदों को झटका लगा है।
बिजली विभाग से जुड़े माहिरों का कहना है कि सितम्बर व अक्तूबर में ए.सी. का इस्तेमाल होने में बड़ा अंतर आता है। इसके चलते जो लोग सितम्बर में एसी का इस्तेमाल करके 300 यूनिट से अधिक की खपत कर जाते उन्हें सितम्बर में कम खपत होने के चलते लाभ होना तय था। अब 7 किलोवाट से अधिक वाले उपभोक्ताओं को यह लाभ नहीं हो पाएगा। सूत्रों का कहना है कि आने वाले समय में विभाग द्वारा 3-4 किलोवाट वाले उपभोक्ताओं का भी 1 माह का बिल बनाने का प्लान है। इसके तहत उपभोक्ताओं को प्रति माह अपनी खपत पर ध्यान होगा यदि खपत 300 से 1 यूनिट भी ऊपर हो गई तो पूरे 300 यूनिट के पैसे अदा करने होंगे।