पंजाब के मेडिकल कॉलेज में प्रवेश से जुड़े एक मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया कि पंजाब के स्वतंत्रता सेनानी के आश्रित ही इस कोटे के लिए दावेदार हो सकते हैं। किसी अन्य राज्य के स्वतंत्रता सेनानी के आश्रित इसके लिए दावा नहीं कर सकते हैं। लुधियाना निवासी परनीत कौर ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए कहा था कि उनके नाना स्वतंत्रता सेनानी हैं और उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार से केंद्र सरकार की योजना के तहत पेंशन भी मिलती है।
याची ने इस कोटा के लिए आरक्षण का दावा किया था लेकिन उनका दावा खारिज कर दिया गया। याचिका पर नोटिस के जवाब में पंजाब सरकार ने कहा कि इस आरक्षण का लाभ केवल पंजाब के स्वतंत्रता सेनानियों के लिए ही सीमित है। हाईकोर्ट ने सारा रिकॉर्ड देखने के बाद पाया कि पंजाब सरकार के नियम के अनुसार बाकी राज्यों के स्वतंत्रता सेनानियों को यह लाभ नहीं दिया जा सकता है। ऐसे में हाईकोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए याचिकाकर्ता को आरक्षण का लाभ देने का निर्देश जारी करने से इन्कार कर दिया।
ताम्रपत्र दर्जा होने की दलील भी खारिज
याचिकाकर्ता ने दलील दी थी कि उनके नाना को केंद्र सरकार से ताम्र पत्र मिला था। ऐसी स्थिति में उनका दर्जा अन्य स्वतंत्रता सेनानियों से ऊपर है, जिन्हें यह दर्जा प्राप्त नहीं है। हाईकोर्ट ने इस दलील को आधार मानते हुए भी याची को किसी भी प्रकार की राहत से इन्कार कर दिया।