पूर्व डीजीपी ने चीफ विजिलेंस अधिकारी के खिलाफ दाखिल अवमानना याचिका पर सुनवाई से किया इनकार

पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी द्वारा चीफ विजिलेंस अधिकारी बीके उप्पल व अन्य के खिलाफ दाखिल अवमानना याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस एचएस सिद्धू ने केस से खुद को अलग कर लिया है

Update: 2021-11-04 02:55 GMT

जनता से रिश्ता  वेबडेस्क |  पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी द्वारा चीफ विजिलेंस अधिकारी बीके उप्पल व अन्य के खिलाफ दाखिल अवमानना याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस एचएस सिद्धू ने केस से खुद को अलग कर लिया है। साथ ही याचिका पर सुनवाई के लिए नई बेंच गठित करने हेतू इसे मुख्य न्यायाधीश को रेफर कर दिया है।

सुमेध सिंह सैनी ने अपनी याचिका में कहा है कि वह हाईकोर्ट के आदेश पर 18 अगस्त को विजिलेंस कार्यालय में केस की जांच में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। जमानत मिली होने के बावजूद विजिलेंस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद हाईकोर्ट में अवैध हिरासत से जुड़ी याचिका दाखिल की गई जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 19 अगस्त की देर रात को उन्हें रिहा करने का आदेश जारी किया था।
सैनी ने आरोप लगाया कि उनको हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए विजिलेंस ने गिरफ्तार किया था और विजिलेंस को इसकी पूरी जानकारी थी कि यह आदेश का उल्लंघन है। इस सबके बावजूद ऐसा किया गया जो सीधे तौर पर न्यायालय की अवमानना का मामला बनता है।
उनके साथ ऐसा सुलूक आगामी चुनाव के चलते राजनीतिक लाभ लेने के लिए किया जा रहा है। सैनी ने चीफ विजिलेंस ऑफिसर बीके उप्पल, विजिलेंस के संयुक्त निदेशक वरिंदर सिंह बराड़ और डीएसपी वरिंदर सिंह के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई करने की मांग की है।


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