श्री मुक्तसर। वकील वरिंदर सिंह संधू और उनके साथी शलिंदरजीत सिंह नीटा के साथ अमानवीय व्यवहार करने के मामले में मुक्तसर के एसपी इन्वेस्टीगेशन रमनदीप सिंह भुल्लर, सीआइए स्टाफ के प्रभारी इंस्पेक्टर रमन कुमार कंबोज सहित छह कर्मचारियों पर थाना सदर में क्रॉस केस दर्ज किया गया है। मामला गर्माने पर बार काउंसिल ऑफ पंजाब एंड हरियाणा के निर्देशों पर पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ के वकीलों के मंगलवार से हड़ताल पर जाने की चेतावनी देने के बाद सोमवार की देर रात पुलिस ने एक्शन लेते हुए पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ ये कार्रवाई की है।
गौरतलब है कि वकील वरिंदर सिंह द्वारा स्थानीय अदालत में याचिका दायर कर कथित रूप से आरोप लगाया गया था कि सीआइए स्टाफ के प्रभारी रमन कुमार कंबोज ने उसे और उनके साथी शलिंदरजीत सिंह को सदर मुक्तसर पुलिस स्टेशन लाकर दोनों के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया। यही नहीं इस सब की वीडियोग्राफी भी करते हुए उन्हें धमकी भी दी गई कि अगर उन्होंने बाहर जाकर किसी से यह बात कही तो उनका यह वीडियो लीक कर वायरल कर दिया जाएगा। सूत्रों अनुसार कथित रूप से यह शिकायत भी दी गई है कि वहां उन्हें नशीला पदार्थ भी दिया गया और बाद में उन्हीं खिलाफ आईपीसी की धारा 186,353 और एनडीपीसी की धारा 27 के तहत केस दर्ज किया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। जब इस मामले की शिकायत सीजीएम की अदालत में दायर की गई तो अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए 22 सितंबर को मामले में जांच कर आरोपी पाए जाने पर पुलिस अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था।
मगर पिछले कई दिनों से पुलिस द्वारा मामला दर्ज करने से आना-कानी की जा रही रही थी जिस पर सोमवार को इस मामले में वकीलों ने मंगलवार से हड़ताल की घोषणा कर दी तो आखिरकार पुलिस को मामला दर्ज करना ही पड़ा। हालांकि मामला काफी गंभीर है और इसमें निष्पक्ष जांच होने के बाद ही सच्चाई सामने आएगी। पुलिस ने अधिकारियों व कर्मचारियों पर आईपीसी की धारा 377,342,323,149 और 506 के तहत केस दर्ज किया गया है। डीएसपी सुनील गोयल के मौके पर मौजूद नहीं होने का हवाला देते हुए प्राथमिकी रिपोर्ट में उनका नाम दर्ज नहीं किया गया है। जबकि एसपी और इंस्पेक्टर के अलावा सीनियर कांस्टेबल हरबंस सिंह, सीनियर कांस्टेबल भूपिंदर सिंह, कांस्टेबल गुरप्रीत सिंह, पीएचजी दारा सिंह के नाम केस में दर्ज हैं। यह सभी सीआइए स्टाफ में तैनात हैं।