पंजाब सरकार ने बुजुर्गों को कोर्ट-कचहरी के चक्कर से निजात दिलाने के लिए आनलाइन पेशी की सुविधा देने का फैसला किया है। इसके तहत उनको मोबाइल पर एक लिंक मुहैया कराई जाएगी जिसके जरिये वे कोर्ट की सुनवाई में शामिल हो सकेंगे।
इस फैसले से उन बुजुर्गों को बड़ी राहत मिलेगी, जिन्हें अपने विभिन्न अदालती मामलों में पेशी और सुनवाई के लिए समय पर और दूरदराज से अदालत पहुंचने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता था। सरकार द्वारा जल्दी ही ऐसे बुजुर्गों को मोबाइल लिंक उपलब्ध कराए जाएंगे, जिनकी मदद से बुजुर्ग अदालत में अपने केस से सीधे जुड़ जाएंगे। सरकार का यह फैसला केवल निचली अदालतों में लागू होगा, जबकि हाईकोर्ट में पेशी या सुनवाई के लिए उनको हाजिर होना पड़ेगा। राज्य सरकार के इस फैसले का पंजाब आप ने स्वागत किया है। इसकी जानकारी अपने फेसबुक पेज भी साझा की है।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय न्यायिक डाटा ग्रिड पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, पंजाब में निचली अदालतों में 601187 मामले लंबित हैं, जिनमें 256960 दीवानी मामले हैं, जबकि 344227 आपराधिक मामले हैं। पंजाब में लंबित मामलों में 84200 ऐसे मुकदमे शामिल हैं, जिनमें महिलाएं याचिकाकर्ता या अपीलकर्ता हैं और 62515 वरिष्ठ नागरिकों द्वारा दायर किए हैं। 2010 से पंजाब की जिला अदालतों में लंबित मामलों का आंकड़ा पांच लाख से ऊपर बना हुआ है।