जालंधर। 2024 में होने वाले संसदीय चुनावों से पहले केंद्र की मोदी सरकार पंजाब में कुछ बड़ा कर सकती है। अपुष्ट सूत्रों की मानें तो मोदी सरकार ने पंजाब को पिछले समय दौरान स्मार्ट सिटीज के लिए जो करोड़ों रुपए के फंड दिए, उनमें हुए भ्रष्टाचार की जांच का जिम्मा एनफोर्समेंट डायरैक्टोरेट (ई.डी) को सौंपा जा सकता है। गौरतलब है कि जिस प्रकार ई.डी ने हाल ही में एक्साइज पालिसी से संबंधित अफसरों के घरों पर छापेमारी का अभियान शुरू कर दिया है, उससे लोकल बॉडीज या पी.एम.आई.डी.सी. से संबंधित रहे उन अधिकारियों में भी हड़कंप सा मचा हुआ है।
जिन्होंने पिछले समय दौरान पंजाब की स्मार्ट सिटीज से संबंधित काम करवाए। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय जांच एजेंसी की पंजाब में संभावित आमद के चर्चे उस समय ही शुरू हो गए थे जब पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने जालंधर स्मार्ट सिटी से संबंधित प्रोजेक्टों को रिव्यू किया। उन्होंने कहा कि हर प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार झलक रहा है और केंद्र सरकार इसकी जांच जरूर करवाएगी। माना जा रहा है कि जल्द ही साध्वी निरंजन ज्योति का एक और दौरा शहर में हो सकता है जिसके बाद स्मार्ट सिटी के घोटालों से पर्दा उठाने के लिए जांच का काम ई.डी जैसी एजेंसी को सौंपा जा सकता है। माना जा रहा है कि पंजाब की स्मार्ट सिटीज में से सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार के आरोप जालंधर स्मार्ट सिटी पर लग रहे हैं।
सिर्फ 429 करोड़ के काम पूरे, 2445 करोड़ के काम अभी चल रहे
पंजाब में स्मार्ट सिटी का काम अत्यंत धीमी गति से चल रहा है। केंद्रीय सरकार के शहरी विकास मंत्रालय के सैक्रेटरी मनोज जोशी द्वारा जारी एक पत्र के अनुसार अभी तक पंजाब में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत केवल 429 करोड़ रुपए के 72 प्रोजैक्ट पूरे हुए हैं और 92 प्रोजैक्ट अभी भी लटक रहे हैं जिनकी लागत 2445 करोड़ रुपए है। इनमें से 2081 करोड़ के प्रोजैक्ट ऐसे हैं, जिनकी रफ्तार बिल्कुल ही धीमी है। खास बात यह है कि केंद्र सरकार ने अगले 11 महीनों के भीतर स्मार्ट सिटी के तमाम प्रोजैक्ट पूरे करने का निर्देश पंजाब सरकार को दे रखा है। इसका पालन करना कतई मुमकिन नहीं है, क्योंकि जिस सरकार के अधिकारी 7 साल में अभी तक 500 करोड़ रुपए के काम पूरे नहीं करवा सके, वह 2500 करोड़ के काम 11 महीने में कैसे पूरे करवाएंगे।
चीफ सेक्रेटरी ने चंडीगढ़ में की बैठक
पंजाब में स्मार्ट सिटीज के धीमी गति से चल रहे कामों की समीक्षा के लिए चीफ सेक्रेटरी वी.के. जंजुआ ने चंडीगढ़ में एक बैठक की। बैठक दौरान तीनों स्मार्ट सिटीज के सी.ई.ओ. मौजूद रहे। बैठक दौरान जालंधर स्मार्ट सिटी के सी.ई.ओ. देवेंद्र सिंह को निर्देश दिए गए कि वह लटक रहे कामों को जल्द पूरा करवाएं। कुछ कामों की डेडलाइन भी उन्हें दी गई। गौरतलब है कि जालंधर में 30 के करीब काम लटक रहे हैं और तमाम ठेकेदारों ने काम रोक कर पेमेंट की मांग करनी शुरू कर दी है। इस बीच जालंधर के सभी 64 स्मार्ट सिटी के कामों की विजिलेंस जांच भी शुरू हो गई है जिस कारण भी अफसरशाही में हड़कंप मचा हुआ है।