कमिश्नर मैडम पहलें वेडंरों को सुविधा तो दीजिए : मीना राणा

Update: 2023-05-29 15:12 GMT

चंडीगढ़। चनडीगढ़ नगर निगम की टाऊन वेडिंग कमेटी की और से जारी वार्षिक रिपोर्ट के आधार पर शहर में 68% वेंडर ऐसे हैं जो निगम को चूना लगा रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार बताया गया है कि निगम को प्रतिवर्ष वेडंरों की ओर से मिलने वाला रेवेन्यू लगातार घाटे में जा रहा है। 2018-2019 में 11:16 करोड़, 2019-2020 में 4:93 करोड़, 2020-2021 में 5:86 करोड़, 2022-2023 में 6:11 करोड़ का रेवेन्यू प्राप्त हुआ है। आखिर क्या कारण है कि निगम को वेडंरों की और से मिलने वाला रेवेन्यू लगातार कम हो गया। रेहड़ी फड़ी एकता वेलफेयर ऐसोसिएशन की चेयरमैन मीना राणा ने कहा कि यह जो रेवेन्यू कम हो रहा है इसका जिम्मेदार खुद नगर निगम हैं। जब नगर निगम वेडंरों से हर महीने फीस ले रहा है तो उन्हे भी सुविधा भी दी जानी चाहिए। निगम ने कुछ साइट्स ऐसे हैं जहां वेडंरों को बिठा दिया गया हैऔर वहाँ पर वेडंरों को दिक्कत आ रही है। उधर दूसरी और निगम कमिश्नर का कहना है कि जो वेंडर फीस नहीं भर रहें हैं उन सभी के लाइसेंस कैंसिल कर दिए जाएंगे। निगम की माने तो Non Esp vendor 6,252, Defaulter 4643, Esp vendor's 3546, Defaulter 1925, Mobile vendor's 1,139 Defaulter 763 हैं। अब सवाल यह उठता है कि जब वेंडर को उचित सुविधाएं नहीं दी जाएगी तो रेवेन्यू तो अपने आप ही कम होगा। सैक्टर 15 में आजतक वेंडर को टीन युक्त शेड नहीं बनाकर दिए गए हैं, जिससे वो अपना सामान वहीं रख सकें। जब चंडगड़ नगर निगम उन्हें सुविधा ही नहीं दे पा रहा तो उनसे फीस किस बात की ली जा रही है। उधर कुछ वेडंरों में टाऊन वेडिंग कमेटी को लेकर आक्रोश देखने को मिल रहा है। नाम ना छपने की शर्त पर बताया कि इन लोगों ने यह खबर किसी भी हिंदी अखबार में ना भेजकर अंग्रेजी के अखबार में लगाई गई है। जो भी वेंडर हैं वह अंग्रेजी में लगी खबर पढ़ने में असमर्थ हैं। इससे यह साबित होता है कि निगम की टाऊन वेडिंग कमेटी के सदस्य कितने चतुर चालाक हैं, जिन्होंने ने बड़ी ही चालाकी से अपनी वार्षिक रिपोर्ट अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित करवा कर अपनी जिममेवारी निभा दी गई है।

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