सीएम मान बोले-लोगों का पैसा बचेगा, विधायक एक पेंशन संशोधन प्रस्ताव को राज्यपाल के पास भेजा गया

Update: 2022-08-13 11:48 GMT

न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला

पंजाब कैबिनेट में पारित एक विधायक एक पेंशन संशोधन प्रस्ताव को राज्यपाल के पास भेजा गया, जिसे मई के अंतिम सप्ताह में राज्यपाल ने यह कहते हुए लौटा दिया था कि अगला विधानसभा सत्र जल्द ही है, इसलिए यह सुनिश्चित सत्र में विधेयक के रूप में लाया जाना चाहिए।

पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने पंजाब सरकार के एक विधायक एक पेंशन संबंधी नोटिफिकेशन को मंजूरी दे दी है। इसी के साथ यह कानून लागू हो गया है। यह जानकारी मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ट्वीट करके दी। उन्होंने कहा कि इससे लोगों के टैक्स का पैसा बचेगा।

प्रत्येक विधायक को मिलेगी प्रति माह 60000 पेंशन जमा महंगाई भत्ता

पंजाब सरकार ने 11 अगस्त को एक विधायक, चाहे वह कितनी ही टर्म तक विधायक रहा हो, को एक पेंशन देने संबंधी नोटिफिकेशन जारी किया था। पंजाब के राज्यपाल द्वारा इस अधिनियम को मंजूरी मिलने के बाद, पंजाब सरकार ने अब एक अधिसूचना जारी की है। इसके अनुसार, दी पंजाब स्टेट लेजिसलेचर मैंबर्स (पेंशन व मेडिकल फैसिलीटीज रेगुलेशन) एक्ट 1977 के सेक्शन 3 की उपधारा (1) के लिए बदली गई उपधारा अब इस प्रकार होगी-

- सदस्य के तौर पर रहे प्रत्येक व्यक्ति को 60000 रुपये प्रति माह पेंशन और उस पर मंहगाई भत्ता (जो पंजाब सरकार के पेंशनरों पर लागू होता है) का भुगतान किया जाएगा। भले ही उस व्यक्ति ने सदस्य के तौर पर कितनी ही टर्म निभाई हों और भले ही पंजाब विधानसभा के कितने ही कार्यकाल हो, जिसमें उस व्यक्ति ने एक सदस्य के रूप में सेवा निभाई हो।

- अगर कोई व्यक्ति, जोकि सदस्य के तौर पर सेवा निभाते हुए 65 साल, 75 साल और 80 साल का हो जाता है, तो ऐसी उम्र का होने पर वह आरंभिक पेंशन में क्रमश: 5 प्रतिशत, 10 प्रतिशत और 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी का हकदार होगा।

सरकार को दो बार लाना पड़ा एक विधायक एक पेंशन का प्रस्ताव

पंजाब सरकार ने राज्य के पूर्व विधायकों को उनके प्रत्येक कार्यकाल के लिए दी जा रही पेंशन की जगह केवल एक पेंशन देने संबंधी जो प्रस्ताव हाल ही में विधानसभा में पारित किया था, उसे राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजने के साथ ही गत मार्च माह से सूबे के पूर्व विधायकों को मिल रही पेंशन की अदायगी भी रोक दी थी। राज्यपाल की मंजूरी मिलने के साथ यह अधिनियम अगस्त माह में कानून बन गया है, जिसके चलते पूर्व विधायकों को मार्च से जुलाई तक की पेंशन पिछले नियम के अनुसार ही अदा की जाएगी।

राज्य सरकार ने गत 30 जून को विधानसभा के बजट सत्र के दौरान, सूबे के पूर्व विधायकों को दी जाने वाली पेंशन से संबंधित, पंजाब राज्य विधानमंडल सदस्य (पेंशन और चिकित्सा सुविधाएं विनियमन) संशोधन विधेयक 2022 पारित किया था। इसके बाद यह संशोधन विधेयक राज्यपाल की सहमति के लिए भेज दिया गया, जिसे राज्यपाल ने अब मंजूरी दी है।

यह भी गौरतलब है कि राज्य सरकार ने गत 2 मई कैबिनेट की बैठक में, पूर्व विधायकों की पेंशन बारे बदलाव को लागू करने के उद्देश्य से %पंजाब राज्य विधानमंडल सदस्य (पेंशन और चिकित्सा सुविधाएं विनियमन) अधिनियम, 1977% में उपयुक्त संशोधन को मंजूरी दी थी। हालांकि नियमानुसार एक अध्यादेश के रूप में इसे लागू करने के लिए राज्यपाल की मंजूरी आवश्यक थी। तब कैबिनेट में पारित संशोधन प्रस्ताव को राज्यपाल के पास भेजा गया, जिसे मई के अंतिम सप्ताह में राज्यपाल ने यह कहते हुए लौटा दिया कि अगला विधानसभा सत्र जल्द ही है, इसलिए यह सुनिश्चित सत्र में विधेयक के रूप में लाया जाना चाहिए। इसके बाद, राज्य सरकार ने संशोधन विधेयक- %पंजाब राज्य विधानमंडल सदस्य (पेंशन और चिकित्सा सुविधाएं नियमन) संशोधन विधेयक, 2022% को 30 जून को विधानसभा में पेश करके उसी दिन पारित कराया और इसे मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेज दिया था।

दूसरी ओर, संशोधन विधेयक राज्यपाल के पास लंबित होने के बावजूद प्रदेश सरकार ने राज्य के पूर्व विधायकों, जिनमें पिछली 15वीं विधानसभा के सदस्य भी शामिल हैं, को मार्च 2022 से मासिक पेंशन का भुगतान रोक दिया था। इस संबंध में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार का दावा है कि विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी ने जनता को गारंटी दी थी कि पूर्व विधायकों को उनके प्रत्येक कार्यकाल की बजाए केवल एक कार्यकाल की पेंशन दी जाएगी। इस तरह सरकारी खजाने में लाखों रुपये बचाए जा सकेंगे।

लोगों के टेक्स का पैसा बचेगा : भगवंत मान

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ट्वीट कर कहा है कि राज्यपाल द्वारा एक विधायक एक पेंशन वाले गजट नोटिफिकेशन को मंजूरी दे दी गई है। इससे मुझे पंजाबियों को यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि इससे लोगों के टैक्स का बहुत पैसा बचेगा।

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