पंजाब-हरियाणा में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ को लेकर टकराव, INLD की कैथल में बड़ी रैली, CM भगवंत मान ने राजा वडिंग को बताया भ्रष्टाचारी
वडिंग को बताया भ्रष्टाचारी
पंजाब :एक तरफ विपक्षी गठबंधन इंडिया के घटक दल सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर बात करने की तैयारी कर रहे हैं तो दूसरी ओर पंजाब और हरियाणा में सियासी हलचल ने दोनों ही राज्यों के कांग्रेस नेताओं की मुश्किलें बढ़ा दी है. हरियाणा में इंडियन नेशनल लोकदल ने दावा किया है कि विपक्षी गठबंधन इंडिया की सोच उनके नेता ओम प्रकाश चौटाला की है और उन्होंने ही बिहार के सीएम नीतीश कुमार से कहा था कि बीजेपी को हराने के लिए वो समान विचारधारा वाले दलों को एक मंच पर लेकर आएं.
आईएनएलडी ने दावा किया है कि 25 सितंबर को चौधरी देवीलाल सम्मान दिवस के मौके पर हरियाणा के कैथल में होने वाली एक बड़ी रैली में विपक्षी गठबंधन इंडिया के तमाम घटक दल शामिल होंगे. इसके साथ-साथ कुछ ऐसे दल जो कि अभी तक गठबंधन का हिस्सा नहीं हैं, जैसे शिरोमणि अकाली दल के नेता भी मंच पर एक साथ नजर आएंगे.
हालांकि, जब अभय चौटाला से पूछा गया कि विपक्षी गठबंधन का सबसे बड़ा घटक दल कांग्रेस है और कांग्रेस के साथ उनके मनमुटाव जग-जाहिर रहे हैं, तो क्या कांग्रेस के नेताओं को इस रैली में शामिल होने का न्योता दिया जाएगा? इस पर उन्होंने गोल-मटोल जवाब देते हुए कहा कि अभी रैली में कई दिन बचे हैं और पार्टी स्तर पर बातचीत होगी और फिर तय किया जाएगा कि रैली में और किस दल को शामिल होने के लिए बुलाया जाए.
कांग्रेस को लेकर क्या सोचती है आईएनएलडी?
दरअसल, आईएनएलडी के नेता ये मानते रहे हैं कि हरियाणा के जेबीटी टीचर भर्ती घोटाले में उनकी पार्टी के सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को 2013 में जो 10 साल की सजा हुई थी वो तत्कालीन भूपेंद्र सिंह हुड्डा की कांग्रेस सरकार की वजह से हुई थी. तभी से कांग्रेस के साथ आईएनएलडी का छत्तीस का आंकड़ा रहा है.
हरियाणा कांग्रेस के नेता ये मानते रहे हैं कि प्रदेश की सभी 10 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस बेहद मजबूत है और बीजेपी को सीधी टक्कर दे सकती है. वही, हरियाणा में भी आम आदमी पार्टी आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी कर चुकी है. ऐसे में विपक्षी गठबंधन इंडिया में सीट शेयरिंग के तहत हरियाणा में भी आम आदमी पार्टी लोकसभा सीटों का डिमांड करेगी.
सीटों को लेकर शुरू हो सकती है तकरार
अगर आईएनएलडी भी विपक्षी गठबंधन इंडिया का हिस्सा बनती है तो ऐसे में वो भी लोकसभा की कम से कम दो से तीन सीटों पर अपनी दावेदारी पेश करेगी. ऐसे में सवाल ये है कि हरियाणा कांग्रेस नेतृत्व क्या उन सीटों पर अपनी दावेदारी छोड़ देगा जिन्हें वो मजबूती के साथ लड़ने की तैयारी कर रहा है.
हरियाणा की ही तरह पंजाब में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेता गठबंधन को लेकर तीखे तेवर अपनाए हुए हैं. पंजाब के सीएम भगवंत मान ने तो एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान मंच से सीधे तौर पर कह दिया कि पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग जब पूर्व की चन्नी सरकार में ट्रांसपोर्ट मंत्री थे तो उन्होंने राज्य की रोडवेज बसों की बॉडी राजस्थान से लगा कर एक बड़ा भ्रष्टाचार किया है.
पंजाब में सीएम मान ने फाइल खोलने की दे डाली है धमकी
सीएम मान ने यहां तक कह दिया कि बसों की फाइल देखकर वो हैरान हैं और जल्द ही उसे खोला जाएगा और आगे की पूरी कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ-साथ दोनों ही पार्टियों के नेता पहले ही यह साफ कह चुके हैं कि पंजाब में वो अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे. ऐसे में अगर इन नेताओं की बात सच होती है तो फिर गठबंधन का क्या होगा?
दिल्ली में विपक्षी दल गठबंधन को मूर्त रूप देने में लगे हैं तो पंजाब में सार्वजनिक मंचों से एक दूसरे के खिलाफ तीखी बयानबाजी कर रहे हैं. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के नेताओं को किसी भी तरह के गठबंधन के तहत जनता में जाकर गठबंधन के लिए एक साथ वोट मांगना आसान नहीं रहने वाला है. इसी वजह से हरियाणा और पंजाब में किसी भी तरह की सीट शेयरिंग की राह विपक्षी गठबंधन के लिए आसान नहीं दिख रही है.