बाल कलाकार अनुराग ने बनाई जी-20 पर केन्द्रित पेंटिंग

Update: 2023-01-07 13:28 GMT

देहरादून उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) से शनिवार को राजभवन में बाल कलाकार अनुराग रमोला ने मुलाकात की। साथ ही उत्तराखण्ड के लोकपर्व ईगास-बग्वाल पर आधारित पेंटिंग भेंट की। इस पेंटिंग में अनुराग ने राज्य की स्थानीय लोक संस्कृति, आजीविका एवं परिवेश और भौगोलिक परिदृश्य को चित्रित किया है।इस अवसर पर अनुराग ने एक अन्य पेंटिंग भी राज्यपाल के सम्मुख प्रदर्शित की जो जी-20 पर आधारित है जिसे वह प्रधानमंत्री जी को भेंट करना चाहते हैं।

बाल कलाकार अनुराग ने इस पेंटिंग में भारत की जी-20 की अध्यक्षता के वैश्विक विकास के उद्देश्यों से विश्व को परिचित कराया है। पेंटिंग में इस सम्मेलन की व्यापकता को प्रदर्शित किया गया है। वह केंद्रीय विद्यालय ओएनजीसी, देहरादून में 12वीं कक्षा के छात्र हैं और चित्रकला के क्षेत्र में उसे देश-विदेशों में अनेक पुरस्कार मिले हैं। इनके द्वारा विभिन्न विषयों पर पेंटिंग बनायी जाती है। अनुराग प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार-2021 में भी पुरस्कार विजेता रहे हैं।

राज्यपाल ने उभरते कलाकार द्वारा बनाई गयी पेंटिंग को देखकर सराहना करते हुए कहा कि वह बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं और उन्होंने बेहद सुंदर कला का प्रदर्शन किया है। उन्होंने पेंटिंग को निहारते हुए कहा कि जीवन में कला की महत्वपूर्ण भूमिका है। चित्रकला मानव जीवन की महत्वपूर्ण विधा है जो अद्वितीय प्रतिभा से अपनी कल्पनाओं के ब्रश और रंगों से मूर्त रूप देकर ऐसी कला का सृजन करते हैं, जिसे देखकर मन स्वतः ही आत्मविभोर हो जाता है।

ले. जनरल सिंह ने कहा कि अनुराग ने जहां देवभूमि की लोक संस्कृति और परिवेश को अपनी पेंटिंग के माध्यम से प्रदर्शित किया है, वहीं दूसरी ओर जी-20 पर आधारित पेंटिंग के माध्यम से भारत की कला संस्कृति और समृद्ध साहित्य को दर्शाया गया है। उन्होंने कहा कि जी-20 सम्मेलन भारत को अपनी कला, संस्कृति और समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करने का एक बेहतरीन मंच होगा।

राज्यपाल ने कहा, "जी-20'' पेंटिंग भारत के जी-20 सम्मेलन की अध्यक्षता के परस्पर विचार "वसुधैव कुटुंबकम'' में निहित भारतीय दर्शन के ''एक विश्व, एक परिवार'' से प्रेरित है। एक कलाकार अपनी कल्पना और कला से इस प्रकार का संदेश दिया जाना बेहद सराहनीय है। उन्होंने कहा कि अनुराग अपनी कला के माध्यम से लोगों को इसी प्रकार के संदेश दें जो आत्मज्ञान की अनुभूति के साथ-साथ उन्हें प्रेरित करते रहें। इस अवसर पर उनके पिता चैत सिंह रमोला भी उपस्थित रहे।




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