ब्रेकिंग न्यूज़: चंडीगढ़ एथलेटिक्स एसोसिएशन ने सेक्टर-7 स्थित खेल परिसर में रविवार को जैवलिन थ्रो डे मनाया। इस दौरान एथलीटों के लिए विभिन्न आयु वर्ग में जैवलिन थ्रो प्रतियोगिताएं भी करवाई गईं जिसमें युवाओं में काफी जोश देखने को मिला। वहीं, खेल परिसर में नीरज चोपड़ा की तस्वीर वाले बोर्ड पर युवाओं ने नीरज चोपड़ा के चेहरे का मुखौटा लगाकर हस्ताक्षर किए। युवाओं ने कहा कि भविष्य में नीरज चोपड़ा बनना ही हमारा लक्ष्य है। बता दें कि भारतीय एथलीट नीरज चोपड़ा ने सात अगस्त को टोक्यो ओलंपिक में जैवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक हासिल कर इतिहास रचा था। ट्रैक एंड फील्ड में देश को पहला स्वर्ण दिलवाकर नीरज ने करोड़ों देशवासियों का सीना चौड़ा कर दिया था। इस एतिहासिक दिन की याद को ताजा करने के लिए हर साल सात अगस्त को जैवलिन थ्रो के रूप में मनाया जाने लगा है। एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर से युवाओं में जैवलिन के प्रति क्रेज बढ़ाने के लिए किड्स जैवलिन लांच किया गया था। सेक्टर-7 स्थित खेल परिसर में किड्स जैवलिन को हाथ में लेकर युवा पूरे जोश में प्रतियोगिता में हिस्सा लेते नजर आए।
खेल में मेहनत कर पाऊंगा मुका किड्स जैवलिन थ्रो प्रतियोगिता में हिस्सा लेने पहुंचे 12 वर्ष के आकाश ने कहा कि मुझे इस खेल में काफी मेहनत करनी है और भविष्य में नीरज चोपड़ा बनकर दिखाना है। आकाश गवर्नमेंट मॉडल हाई स्कूल 20 में सातवीं कक्षा का छात्र है। चाचा ने गिफ्ट में दिया जैवलि किड्स जैवलिन थ्रो प्रतियोगिता में हिस्सा लेने पहुंचे 14 वर्ष के अंशुल ने बताया कि वह सीआरबी पब्लिक स्कूल में 7वीं कक्षा का छात्र है। पिछले दिनों मेरे चाचा ने किड्स जैवलिन मुझे गिफ्ट दिया था तब से ही इसके प्रति लगाव हो गया। किड्स जैवलिन थ्रो प्रतियोगिता में हिस्सा लेने पहुंचे 12 वर्ष के तनमय ने बताया कि वह नीरज चोपड़ा को अपना रोल मॉडल मानते हैं और उसके नक्शे कदमों पर चलना चाहते हैं। तनमय गवर्नमेंट मॉडल हाई स्कूल 20डी में 7वीं कक्षा का छात्र है। फुटबॉलर बनना चाहता था
किड्स जैवलिन थ्रो प्रतियोगिता में हिस्सा लेने पहुंचे 12वर्ष के अंकित ने कहा कि पहले वह फुटबॉलर बनना चाहता था लेकिन जब ओलंपिक में नीरज चोपड़ा को भाले में स्वर्ण पदक हासिल करते देखा। उस दिन के बाद से मुझे जैवलिन थ्रो में रुचि होने लगी। सबसे दूर भाला फेंकना है किड्स जैवलिन थ्रो प्रतियोगिता में हिस्सा लेने पहुंचे 14 वर्ष के सन्नी ने बताया कि प्रतियोगिता के दौरान मैंने पहली बार हाथ में भाला पकड़ा है। इसे हाथों में पकड़ने के बाद मुझे लगता है कि अगर मैं इस खेल में दिन-रात मेहनत करूं तो मैं भी एक दिन नीरज चोपड़ा की तरह सबसे दूर भाला फेंक सकता हूं।