केंद्र सरकार इन Action, गैंगस्टरों और नेताओं पर कसेगा शिकंजा

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Update: 2022-09-14 15:53 GMT
जालंधर। पंजाब के दर्जनों नेताओं व अन्य लोगों पर केंद्रीय एजैंसियों की गाज गिरने वाली है। केंद्रीय जांच एजैंसियों ने सीमा क्षेत्र में अवैध रेत इत्यादि खनन करवाने, गैंगस्टरों से गठजोड़ वाले नेताओं की फाइलें बनानी शुरू कर दी हैं। पंजाब पुलिस ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि पाकिस्तान से हथियार, गोला-बारूद की 95 फीसदी सप्लाई का मार्ग पंजाब का सीमावर्ती क्षेत्र बन चुका है जबकि ड्रग्स का मार्ग बदलकर अब जम्मू और समुद्र मार्ग हो चुका है। खुफिया एजैंसियों ने ऐसे इनपुट जारी कर दिए हैं कि पाकिस्तान से तस्करी होकर ड्रोन के माध्यम से भेजे जा रहे हथियार पंजाब में सक्रिय गैंगस्टरों की आपूर्ति के लिए हैं जो योजनाबद्ध ढंग से हत्याएं करवाने के प्रयास में हैं। हालांकि पंजाब के सीमांत जिलों में अवैध खनन से सीमा को खतरे का मामला बी.एस.एफ. द्वारा हाईकोर्ट में दायर किया हुआ है परन्तु 2 सप्ताह पूर्व विधानसभा में विपक्षी कांग्रेस के नेता प्रताप सिंह बाजवा द्वारा राज्यपाल से की गई शिकायत के मायने गहरे हैं। सूत्र बताते हैं कि इस मामले को लेकर राज्यपाल ने पंजाब में मुख्य सचिव और पंजाब पुलिस के मुखिया से भी जानकारी ली थी। जानकारी के मुताबिक बाजवा के पत्र को केंद्रीय गृह विभाग के पास भेजा गया है और उसी के आधार पर केंद्रीय एजैंसियों ने अपना कार्य शुरू कर दिया है। एक दिन पूर्व 12 सितम्बर को पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित का पंजाब के सीमा क्षेत्र गुरदासपुर का दौरा महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जिसमें उन्होंने कहा कि सीमा पर खनन करने वाले लोगों पर देशद्रोह का मुकद्दमा दर्ज होना चाहिए।
पंजाब पुलिस ने भी इस बात की पुष्टि की है कि ड्रोन के माध्यम से पंजाब में सीमा पार से हथियार सप्लाई किए जा रहे हैं। पिछले एक वर्ष से सीमा पार से पंजाब की तरफ 127 ड्रोन की सरगर्मी नोट की गई है जबकि पिछले वर्ष ये 80 थी। सीमा पर अवैध खनन को तस्करी के सहयोग में शक्तिशाली साधन माना जा रहा है। पुलिस के इनपुट्स के मुताबिक सीमा पार से पहले हथियारों की तस्करी नदियों के मार्फत होती थी। वहां सख्ती बढ़ी तो तस्करी का माध्यम ड्रोन हो गया। अब बी.एस.एफ. की सख्ती बढ़ी है तो अब भूमिगत सुरंगें इसका माध्यम हो सकती हैं और इसमें अवैध खनन तस्करी में सहायक हो सकता है। पुलिस ने इस बात की पुष्टि की है कि आतंकवादी अब गैंगस्टरों के माध्यम से ही अपने नापाक इरादों को पूरा करने के प्रयासों में है। आतंकवादी और गैंगस्टरों के गठजोड़ का प्रथम मामला वर्ष 2016 में नाभा जेल ब्रेक के दौरान हुआ था। बाद में इसके प्रमाण बढ़ते गए। गत दिवस एन.आई.ए. द्वारा पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान में गैंगस्टरों के ठिकानों पर की गई छापेमारी भी इसी कड़ी का हिस्सा थी। पंजाब के गैंगस्टर गिरोह, जिसमें लॉरैंस बिश्नोई और बंबीहा गिरोह शामिल हैं, पाकिस्तान, मलेशिया, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा के आतंकवादियों की कठपुतली बने हुए हैं। इनके गैंग के सदस्यों की संख्या सैंकड़ों है। इसके साथ पंजाब पुलिस ने जिला एस.एस.पी. के अतिरिक्त थाना प्रभारियों को भी गैंगस्टरों और पूर्व गैंगस्टरों पर निगरानी रखने के लिए कहा है। दो सप्ताह पूर्व पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी सभी एस.एस.पी. के साथ बैठक कर भी गैंगस्टरों पर निगरानी की बात कही थी।
कैप्टन अमरिंदर ने भी अमित शाह से पंजाब की सुरक्षा को लेकर की थी मीटिंग
दूसरी ओर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात को भी इस सिलसिले के साथ जोड़ा जा रहा है। कैप्टन की बेटी जयइंद्र कौर ने कहा कि उनकी केन्द्रीय गृह मंत्री से मुलाकात पंजाब की सुरक्षा मामले को लेकर थी। कांग्रेस सरकार में ही कैप्टन ने इस बात का खुलासा किया था कि अवैध खनन करवाने वाले मंत्रियों, विधायकों और नेताओं की सूची उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष को दी थी परन्तु मामले को दबा दिया गया।
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